UPPCS Success Story: 12वीं की पढ़ाई के बाद बाबा ने सचिन को आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ भेज दिया. सचिन ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी की. इसके बाद टीचर की नौकरी के लिए बीएड की.
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Sachin Verma Success Story: जब किसी के अंदर कुछ करने का जूनून होता है तो फिर वह अपनी मंजिल के लिए पूरी ताकत लगा देता है आज हम बात कर रहे हैं सचिन वर्मा की. सचिन वर्मा एक टीचर थे और वो टीचर से एक जेल सुपरिटेंडेंट बन गए. उनके जेल अधीक्षक बनने तक का सफर आसान नहीं रहा. आज उनकी पूरी जर्नी के बारे में हम आपको बता रहे हैं.
सचिन ने साल 2020 में यूपीपीसीएस की परीक्षा पास की और जिला जेल सुपरिटेंडेंट बन गए. यहां तक पहुंचना उनके लिए आसान नहीं था. सचिन यूपी के सीतापुर जिले के उरदौली गांव के रहने वाले हैं. जब उनका सेलेक्शन जेलर के पद के लिए हुआ तब वह प्राइमरी स्कूल में असिस्टेंट टीचर के पर पर थे.
जब सचिन 12वीं क्लास में थे तभी उनके पिता की मौत हो गई थी. जिस दिन सचिन का मैथ्स का पेपर था उसी दिन पिता की मौत हुई थी. पिता की मौत के बाद सचिन के बाबा और चाचा ने सचिन की पढ़ाई पूरी कराई. सचिन के बाबा किसान थे. 12वीं की पढ़ाई के बाद बाबा ने सचिन को आगे की पढ़ाई के लिए लखनऊ भेज दिया. सचिन ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीएससी की. इसके बाद टीचर की नौकरी के लिए बीएड की. इसके बाद उन्हें साल 2015 में असिस्टेंट टीचर की नौकरी मिल गई. इसके साथ ही कानपुर विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. सचिन ने इतिहास से ही नेट क्वालीफाइ किया.
नौकरी के साथ यूपीपीसीएस की तैयारी करते रहे. सचिन ने यूपीपीसीएस 2015, 2017 और 2018 मेंस दिया था लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ था. इसके बाद कोचिंग का सहारा लिया और साल 2020 में उनका सेलेक्शन हो गया. सचिन की इस कामयाबी में उनके बाबा, चाचा, बहन और दोस्तों का बड़ा रोल रहा है. सचिन का कहना था कि पिताजी के न रहने पर मेरे बाबा और चाचा ने ही मुझे आगे पढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. जिससे मुझे ये कामयाबी मिली है. सचिन की बहन का सेलेक्शन भी यूपी पुलिस में सब इंसपेक्टर के पद पर हो गया है.
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