UPSC परीक्षा पास न कर पाने के बावजूद बने IAS, जानिए इस दिलचस्प और इंस्पायरिंग जर्नी के बारे में...
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UPSC परीक्षा पास न कर पाने के बावजूद बने IAS, जानिए इस दिलचस्प और इंस्पायरिंग जर्नी के बारे में...

Success Story: कई युवा कोचिंग का विकल्प चुनते हैं, जिसके लिए मोटी फीस देनी पड़ती है. बावजूद इसके कुछ ही उम्मीदवारों का सपना पूरा हो पाता है. आज पढ़िए उस आईएएस की कहानी, जो यूपीएससी एग्जाम दिए बिना यहां तक पहुंचे.  

UPSC परीक्षा पास न कर पाने के बावजूद बने IAS, जानिए इस दिलचस्प और इंस्पायरिंग जर्नी के बारे में...

IAS B Abdul Nasar Success Story: सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है. लाखों लोग इस परीक्षा की तैयारी करते हैं. यूपीएससी एस्पिरेंट्स कोचिंग के जरिए अपनी तैयारी करते हैं तो कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कोचिंग संस्थानों की मोटी फीस नहीं दे पाते हैं. 

हालांकि, वर्षों की तैयारी के बाद कई उम्मीदवारों को यूपीएसी में सफलता हासिल होती है. वहीं, आज हम आपको ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो यूपीएससी एग्जाम क्रैक किए बिना ही आईएएस के पद पर नियुक्त हुए. जी हां, यह बिल्कुल सच है. अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा आखिर ऐसा कैसे हो सकता है? आइए जानते हैं इस दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी के बारे में...

अनाथालय में बिताए कई साल

हम बात आईएएस अधिकारी बी अब्दुल नासर के बारे में कर रहे हैं. केरल के कन्नूर जिले के थलास्सेरी के रहने वाले नासर ने 5 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया था. इसके बाद वह और उनके भाई-बहन एक अनाथालय में रहने लगे थे. उनकी मां घरेलू सहायिका के रूप में काम करके परिवार का भरण-पोषण करती थीं. चुनौतियों के बावजूद नासर ने केरल के एक अनाथालय में 13 साल बिताकर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. परिवार की आजीविका में योगदान देने के लिए 10 साल की उम्र में उन्होंने क्लीनर और होटल सप्लायर के तौर पर भी काम किया.

परिश्रम और समर्पण की कहानी 

बाद में उन्होंने थालास्सेरी के सरकारी कॉलेज से बैचलर डिग्री ली. बी अब्दुल नासर ने अखबार बांटने से लेकर, ट्यूशन क्लासेस लेने और फोन ऑपरेटर जैसी कई तरह की नौकरियों के जरिए परिवार की आर्थिक रूप से मदद की. साल 1994 में नासर ने मास्टर्स की डिग्री हासिल करने के बाद केरल स्वास्थ्य विभाग में एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर अपना करियर शुरू किया.  सार्वजनिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और उनकी कड़ी मेहनती का ही नतीजा है कि उन्हें धीरे-धीरे पदोन्नति मिली और आखिरकार वह 2006 तक राज्य सिविल सेवा में डिप्टी कलेक्टर की भूमिका तक पहुंच गए.

साल 2017 में आईएएस के रूप में हुई पदोन्नति

साल 2015 में नासर को केरल के शीर्ष डिप्टी कलेक्टर के रूप में मान्यता मिली, जिससे 2017 में आईएएस के पद पर उनकी पदोन्नति हुई. साल 2019 में कोल्लम के जिला कलेक्टर की भूमिका संभालने से पहले उन्होंने केरल सरकार में आवास आयुक्त के तौर पर काम किया. आईएएस अब्दुल नासर की साधारण शुरुआत से सफलता तक का सफर कई चुनौतियों का सामना करने वाले यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए दिल छू लेने वाली और प्रेरक कहानी है.

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