IAS Success Story: 'नंबर नहीं, मैटर करता है टैलेंट', पढ़िए इंग्लिश में 35, मैथ में 36 नंबर लाने वाले IAS की कहानी
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IAS Success Story: 'नंबर नहीं, मैटर करता है टैलेंट', पढ़िए इंग्लिश में 35, मैथ में 36 नंबर लाने वाले IAS की कहानी

UPSC Success Story: सरकारी नौकरियों के कई परीक्षा परिणाम बीते कुछ दिनों में जारी किए गए हैं. इसमें कई छात्र सफल तो कुछ असफल भी हुए हैं. ऐसे में सिविल सेवा की तैयारी कर रह युवकों को गुजरात (Gujarat) के भरूच जिले के कलेक्टर तुषार सुमेरा (IAS Tushar Sumera) की सक्सेस स्टोरी से प्रेरणा लेनी चाहिए.

IAS Success Story: 'नंबर नहीं, मैटर करता है टैलेंट', पढ़िए इंग्लिश में 35, मैथ में 36 नंबर लाने वाले IAS की कहानी

Gujarat IAS Tushar Sumera motivational story: किसी ने क्या खूब कहा है कि, मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. ऐसे ही हौसलों की मिसाल पेश की गुजरात (Gujarat) के भरूच (Bharuch) जिले के कलेक्टर तुषार सुमेरा (Tushar Sumera) ने जिन्होंने 10वीं के नतीजों के तानों से परेशान होने के बजाए यूपीएससी की सिविल सर्विसेस की परीक्ष पास कर अपने परिवार और जिले का नाम रोशन किया और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अहम अधिकारी जिला कलेक्टर (District Magistrate) बन गए. 

'नंबर कम होने का गलत मतलब निकालते हैं लोग'

पीएम मोदी (PM) खुद समय समय पर कामयाबी के कई टिप्स और मंत्र देते रहते हैं. इसलिए किसी को भी किसी भी परीक्षा से पहले या बाद में जरा भी घबराना नहीं चाहिए. करियर कोच और एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपके नंबर कम हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आप में टैलेंट नहीं है. इसलिए अब आपको मोटीवेट करने के लिए कम नंबरों से जुड़ी एक IAS अधिकारी की सफलता की कहानी बताते हैं.

अंग्रेजी में मिले थे सिर्फ 35 नंबर

यहां पर बात गुजरात के भरूच जिले के डीएम तुषार सुमेरा की तो IAS तुषार सुमेरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि जब वो राजकोट में पढ़ते थे तब दसवीं में उनके बस पासिंग नंबर आए थे. 100 में से अंग्रेजी में 35, गणित में 36 और विज्ञान में बस 38 नंबर मिले थे. तब पूरे गांव में ताना मारते हुए कहा कि ये लड़का कुछ नहीं कर सकता है. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने अपनी जिंदगी को नंबर्स की रफ्तार से दूर रखा और एक बड़े टारगेट पर फोकस किया. उनका कहना है कि हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई खूबी होती है, इसलिए सभी को अपनी खासियत और खूबी दोनों के बारे में पता होना चाहिए. 

आईएएस अधिकारी ने शेयर की तुषार की कहानी

खराब परिणाम से निराश होने की जरुरत नहीं है. क्योंकि किसी एग्जाम में खराब नतीजे करियर के सारे दरवाजे बंद नहीं करते. इसकी मिसाल हैं कलेक्टर तुषार सुमेरा. इनकी सक्सेस स्टोरी और कामयाबी के मंत्र की जानकारी IAS अफसर अवनीश शरण ने अपने फॉलोवर्स को दी तो IAS अवनीश के ट्वीट पर भरूच के कलेक्टर तुषार सुमेरा ने 'थैंक्यू सर' लिखकर रिप्लाई किया. अब इस पोस्ट पर तमाम यूजर्स ने रिएक्ट किया है. एक यूजर ने लिखा, 'परेशान होने की जरूरत नहीं. जिंदगी में डिग्री और नंबर नहीं बल्कि टैलेंट मैटर करता है.'

नौकरी के साथ की सिविल (UPSC) की तैयारी

IAS सुमेरा ने 12वीं पास करने बाद पहले बीए (BA) फिर BEd किया. उसके बाद उन्हें शिक्षक की नौकरी मिल गई. नौकरी के साथ-साथ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी बंद नहीं की. मेहनत करते करते आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका उन्हें और उनके परिवारवालों को बेसब्री से इंतजार था. शिक्षक तुषार सुमेरा अब सिविल ऑफिसर यानी आईएएस बन चुके थे. जो आज भरूच जिले में डीएम के पद पर कार्यरत हैं.

हार कर नहीं लड़कर जीत सकते हैं

आजकल के प्रतिभागियों में नंबरों को लेकर होड़ मची रहती है. कम नंबर आने पर कुछ तो परेशान होकर खाना-पीना और सामान्य जिंदगी बिताना ही छोड़ देते हैं. वहीं कुछ प्रतिभागी नंबर कि रेस में खुद को ही खो देते हैं. आपकी जिंदगी मजबूत इरादों से चलती है नंबर से नहीं. हर जीत के लिए लड़ना जरूरी है. इसलिए रेस में बने रहिए, अपनी असफलताओं से सीखिए और आईएएस तुषार सुमेरा की सफलता की कहानी को ध्यान में रखते हुए अपना लक्ष्य पूरा कीजिए.

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