Knowledge: वैज्ञानिकों ने खोज ली चंद्रमा के अस्तित्व की कहानी, इस रिपोर्ट में आया सामने कि कैसे बना चांद
Advertisement
trendingNow11946561

Knowledge: वैज्ञानिकों ने खोज ली चंद्रमा के अस्तित्व की कहानी, इस रिपोर्ट में आया सामने कि कैसे बना चांद

Moon Facts: चांद, तारे, धरती इंसान के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है. चाहे हम पृथ्वी पर रहकर जीवन जी रहे हो, लेकिन इससे जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जो आज भी सामने नहीं आ सके हैं. आज हम आपके लिए चंद्रमा के अस्तित्व से जुड़े कुछ अमेजिंग फैक्ट्स लेकर आए हैं.

Knowledge: वैज्ञानिकों ने खोज ली चंद्रमा के अस्तित्व की कहानी, इस रिपोर्ट में आया सामने कि कैसे बना चांद

Existence of Moon: साइंटिस्ट आज भी धरती, चांद और सूरज की उत्पत्ति के बारे में सब कुछ सटीक रूप से नहीं जान पाए हैं. आज भी इनके बारे में  शोध जारी है और इनमें ऐसी कई बातें निकलकर सामने आती रहती हैं, जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती हैं. इसी तरह की एक रिसर्च में चांद से जुड़ी कुछ बातें सामने आई हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. 

वैज्ञानिकों ने किया है ये दावा
दरअसल, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने चांद के वजूद के बारे में जानने की कोशिश की. इस रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद की उत्पत्ति दो ग्रहों के टकराने से हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक ये दो ग्रह है, पृथ्वी और थिया. बताया जाता है कि यह ग्रह आज मंगल ग्रह के बराबर है.

पृथ्वी और थिया ग्रह के आपस में टकराने से जो मलबा निकला था, उसी से चांद की उत्पत्ति हुई है. वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी के मेंटल में मौजूद लार्ज लो वेलोसिटी प्रोविंस नाम की दो विशालकाय संरचनाएं उसी पुरातन ग्रह थिया के ही अवशेष हैं जो पृथ्वी से कभी टकराया था.

भूकंपीय तरंग
वैज्ञानिकों ने जब साल 1980 में धरती के अंदर भूकंपीय तरंगों का मापन किया तो उन्हें वहां से दो अलग-अलग तरह की रीडिंग मिली. शोधकर्ताओं ने जब इस पर रिसर्च की तो पता चला कि धरती के भीतर दो क्षेत्र मौजूद हैं, जिनमें से एक अफ्रीका के नीचे और दूसरा प्रशांत महासागर के नीचे स्थित है. 

चंद्रमा के अस्तित्व की थ्योरी 
इन दो क्षेत्रों पर हुए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों का यह अनुमान है कि इसमें से एक क्षेत्र थिया ग्रह और दूसरा धरती का हिस्सा है. इसी कारण धरती के अंदर मौजूद भूकंपीय तरंगों की रीडिंग अलग-अलग हो जाती है. हालांकि, अब तक वैज्ञानिकों के पास इसे लेकर कोई ठोस तर्क नहीं हैं. ऐसे में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस थ्योरी को पूरी तरह से चांद के अस्तित्व से जोड़ कर नहीं देख पा रहे हैं.

Trending news