IAS Success Story: जिनसे गांव और स्कूल वालों ने कहा ये कुछ नहीं कर सकता, बन गए IAS
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IAS Success Story: जिनसे गांव और स्कूल वालों ने कहा ये कुछ नहीं कर सकता, बन गए IAS

IAS Marksheet: भरूच के कलेक्टर के 10वीं क्लास में केवल पासिंग मार्क्स ही आए थे. उनकी मार्कशीट को 2009 बैच के आईएएस ने ट्विटर पर शेयर किया है.

IAS Success Story: जिनसे गांव और स्कूल वालों ने कहा ये कुछ नहीं कर सकता, बन गए IAS

IAS Story: अगर किसी के कम नंबर आते हैं तो कई बार लोग बताने में संकोच करते हैं कि उनके कितने नंबर आए हैं, आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने सोशल मीडिया पर सबको बताया कि उनके अंग्रेजी में 100 में से केवल 35 नंबर आए थे. ऐसे ही मैथ्स में 100 में से 36 नंबर और साइंस में 38 नंबर आए थे. यह उनके 10वीं क्लास के नंबर थे. 10वीं क्लास में पास होने के लिए कम से कम 33 नंबर चाहिए होते हैं. तो यह लगभग पासिंग मार्क्स ही थे.

यह मार्क्स हैं भरूच के कलेक्टर तुषार सुमेरा के. उन्होंने अपनी मार्कशीट शेयर करते हुए लिखा कि उनके 10वीं क्लास में केवल पासिंग मार्क्स ही आए थे. इतने नंबर लाने के बाद उनके न सिर्फ पूरे गांव में बल्कि स्कूल में भी यही कहा गया था कि वह कभी कुछ नहीं कर सकते.

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जिनके लिए कहा कि कुछ नहीं कर सकते वह अब IAS हैं. Tushar D. Sumera ने साल 2012 में IAS Exam पास किया और वह IAS बन गए. छत्तीसगढ़ कैडर के 2009 बैच के आईएएस Awanish Sharan ने उनकी मार्कशीट का जब ट्वीट किया तो उन्होंने भी Tushar D. Sumera उन्हें ट्विटर पर Thank You Sir लिखा.

उनका यह रिकार्ड इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि सफलता के लिए नंबर नहीं टैलेंट मायने रखता है. आईएएस बनने से पहले तुषार सुमेरा ने बीए और बीएड की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने असिस्टेंट टीचर की नौकरी की. नौकरी के दौरान ही उन्होंने अपना टारगेट सेट किया कि उन्हें आईएएस बनना है. साल 2012 में उन्होंने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास की, साथ ही वह रैंक पाकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी बने.

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