IAS Story: क्या सीनियर आईएएस अफसर UPSC की तैयारी करने वालों को दे सकते हैं सलाह? टॉप रैंक ऑफिसरों ने दिया ये जवाब
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IAS Story: क्या सीनियर आईएएस अफसर UPSC की तैयारी करने वालों को दे सकते हैं सलाह? टॉप रैंक ऑफिसरों ने दिया ये जवाब

UPSC Success Stories: 2015 बैच की ओडिशा सिविल सेवा अधिकारी बी.स्वीकृति पांडा ने लिखा, "मैं पूरी तरह से सहमत हूं, सर !!वॉट्सएप ग्रुप के जरिए कोई भी यूपीएससी या ओपीएससी क्रैक नहीं कर सकता है !!"

IAS Story: क्या सीनियर आईएएस अफसर UPSC की तैयारी करने वालों को दे सकते हैं सलाह? टॉप रैंक ऑफिसरों ने दिया ये जवाब

UPSC Civil Services: सिविल सेवा परीक्षा को पास करना एक कठिन टास्क है.  कड़ी मेहनत और फोकस यूपीएससी द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करने की चाभी हैं. एग्जाम क्लियर करने वालों का से सही गाइडेंस भी जरूरी हैं और वे उम्मीदवारों को उस परीक्षा की तैयारी करने में बहुत मदद कर सकते हैं जिसमें सफलता की दर 0.2 फीसदी के करीब है. 

हालांकि, यूपीएससी के एग्जाम पैटर्न में समय बीतने के साथ एक बड़ा बदलाव आया है और वर्तमान परिदृश्य में पिछले कैंडिडेट्स द्वारा अपनाई गई स्ट्रेटजी अब काम न करे. 

इस जरूरी पहलू पर सीनियर आईएएस अफसर अरुण बोथरा ने कहा कि दशकों पहले एग्जाम क्रैक करने वाले नौकरशाह अब वर्तमान कैंडिडेट्स को सलाह देने में सक्षम नहीं हो सकते हैं. बोथरा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "प्रिय IAS कैंडिडट्स, जो अधिकारी 2-3 दशक पहले सेवा में आए थे, उन्हें परीक्षा के करंट ट्रेंड और पैटर्न के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. वे आपको मोटिवेट कर सकते हैं, लेकिन सलाह देना पूरी तरह से अलग गेम है. कोई भी आपको वॉट्सएप या डायरेक्ट मेसेज से ट्रेंड नहीं कर सकता."

बोथरा के पॉइंट ऑफ व्यू को माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर काफी पसंद किया गया. झारखंड की 2011 बैच की आईएएस अधिकारी राजेश्वरी बी ने बोथरा की राय का सपोर्ट किया और लिखा, "ठीक है सर! कई सलाह मांग रहे हैं लेकिन हम पिछले दशक में किए गए बदलावों से अनजान हैं और महसूस करते हैं कि केवल सामान्य सलाह ही दे सकते हैं."

2015 बैच की ओडिशा सिविल सेवा अधिकारी बी.स्वीकृति पांडा ने लिखा, "मैं पूरी तरह से सहमत हूं, सर !!वॉट्सएप ग्रुप के जरिए कोई भी यूपीएससी या ओपीएससी क्रैक नहीं कर सकता है !!"

रत्नम गोस्वामी, जो खुद को एक आईएएस कैंडिडेट के रूप में पेश करते हैं, हालांकि, पूरी तरह से एक अलग दृष्टिकोण रखते हैं. उन्होंने लिखा "लेकिन सर ये अधिकारी सिचुएशन से निपटने के लिए प्रक्टिकल अप्रोच से उम्मीदवारों की मदद कर सकते हैं. जैसे केस स्टडी जीएस 4 को हल करने में. आप एक अधिकारी, सचिव आदि के रूप में क्या कार्रवाई करेंगे और क्यों ? यूपीएससी मेन में पूछते हैं."
 
जम्मू और कश्मीर के एक IAS अधिकारी अशोक परमार ने इस विषय पर अपना विचार व्यक्त किया और लिखा, "प्रिय #IAS उम्मीदवारों, सफलता के लिए शुभकामनाएं. जब तक किसी के पास अच्छा फाइनेंशियल सपोर्ट न हो, तब तक फुल टाइम #UPSC का प्रयास न करें. अपनी क्षमताओं का आकलन करें और उसके मुताबिक प्रयास करें. असफल होने पर पछतावा न करें. कैरियर के बहुत सारे अवसर उपलब्ध हैं. आनंद लें. जीवन #IAS और #UPSC से कहीं अधिक है."

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