Sainik School: सैनिक स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराना देश के ज्यादातर अभिभावकों का सपना होता है. यहां की बेहतर शिक्षा व्यवस्था, अनुशासन और पासआउट होने वाले बच्चों का शानदार करियर पेरेंट्स को आकर्षित करता है.
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Admission In Sainik School: सभी पेरेंट्स अपने बच्चों को देश के सबसे बेहतरीन स्कूलों में ही पढ़ाने का सपना देखते हैं, लेकिन हर कोई देश के टॉप स्कूलों की लाखों-करोड़ों रुपये फीस देकर अपने बच्चों को वहां नहीं पढ़ा सकते, जहां हर सुख सुविधा मौजूद है. ऐसे पेरेंट्स के पास एक ऑप्शन होता है, जहां उनके बच्चों को टॉप स्कूलों जैसी सुख सुविधाएं और बेहतरीन शिक्षा मिल सकती हैं. हम बात कर रहे हैं सैनिक स्कूलों के बारे में, जो देश के सबसे प्रसिद्ध स्कूलों में से एक हैं.
भारत के सैनिक स्कूलों में इस तरह की शिक्षा, अनुशासन और ट्रेनिंग दी जाती है... वहां से पढ़कर निकलने वाला स्टूडेंट्स जीवन में बेहतर इंसान बनने के साथ ही करियर में भी नई उपलब्धियों को हासिल करने के काबिल बनते हैं. बता दें कि देश के सैनिक स्कूलों में अब लड़कियां भी दाखिला ले सकती हैं, पहले इन स्कूलों में केवल लड़कों को ही एडमिशन मिलता था.
क्या नागरिक छात्र इन स्कूलों में दाखिला ले सकते हैं?
सैनिक स्कूल भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के बच्चों की बेहतरीन शिक्षा के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं. हालांकि, इन स्कूलों में सिविलियन बच्चों को भी एडमिशन मिलता है, जिसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. नागरिक छात्र निश्चित रूप से सैनिक स्कूलों में प्रवेश ले सकते हैं. इन स्कूलों में ज्यादातर सीटें आर्मी बैकग्राउंड के बच्चों के लिए रिजर्व होती हैं और बाकी सीटों के लिए नागरिक छात्रों को प्रवेश परीक्षा देनी होती है. अगर बच्चे प्रवेश मानदंडों के अनुसार अंक लाते हैं तो उन्हें इन स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलता है.
ऐसे मिलता है सैनिक स्कूल में दाखिला
बच्चों के पास सैनिक स्कूल में एडमिशन पाने का मौका दो बार होता है, एक तो 6वीं में और दूसरा 9वीं कक्षा में दाखिला पा सकते हैं. देशभर के सैनिक स्कूलों में एडमिशन आल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (एआइएसएसईई) के माध्यम से होते हैं. सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए हर साल यह एंट्रेंस एग्जाम होता है, जिसके लिए बच्चों के अभिभावकों को फॉर्म भरना पड़ता है. इस एंट्रेंस एग्जाम को पास करने के बाद ही बच्चे को सैनिक स्कूल में दाखिला मिल सकता है.
बच्चों की निर्धारित आयु सीमा
कक्षा 6वीं में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए. जबकि, कक्षा 9वीं में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए. एंट्रेंस एग्जाम में शामिल होने के लिए छात्र अपनी सुविधानुसार सिर्फ एक सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए ही आवेदन कर सकते हैं.
कब निकलता है सैनिक स्कूल एडमिशन फॉर्म?
सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए आवेदन फॉर्म की बात करें तो हर साल अक्टूबर से नवंबर या नवंबर से दिसंबर माह के दौरान इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की शुरुआत होती है. अगर आप अपने बच्चे का एडमिशन सैनिक स्कूल में कराना चाहते हैं तो इस समय आपको बच्चे का ऑनलाइन एडमिशन फॉर्म भरना होगा. आवेदन फॉर्म भरते समय पूरी सावधानी बरतें और कहीं कोई गलती ना करें.
कैसे होता है एंट्रेंस टेस्ट?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा सैनिक स्कूल में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन किया जाता है. यह सैनिक स्कूल एंट्रेंस टेस्ट हर साल जनवरी महीने में आयोजित होती है.
सैनिक स्कूल कौन सा मीडियम है?
सैनिक स्कूल सीबीएसई बोर्ड से एफिलिएटेड इंग्लिश मीडियम बोर्डिंग स्कूल होते हैं. इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई के साथ ही एनडीए, एनए परीक्षाओं और अन्य सशस्त्र बलों में करियर के लिए तैयार किया जाता है.
एप्लीकेशन फीस
सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा के एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए आवेदन शुल्क का भुगतान करना पड़ता है. आवेदन के लिए सामान्य, ओबीसी और अन्य सभी वर्गों के छात्रों को 550 रुपये का भुगतान करना पड़ती है. जबकि, एससी और एसटी वर्ग छात्रों को 400 रुपये अदा करना पड़ता है.
सैनिक स्कूल की फीस कितनी है?
जानकारी के मुताबिक सैनिक स्कूल की एक साल की फीस 50,000 रुपये लेकर 1,00,000 रुपये तक होती है.