Parag Agarwal: पराग अग्रवाल में आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. उन्हें ट्विटर द्वारा 100 करोड़ रुपये के सैलरी पैकेज पर हायर किया गया था. हालांकि, ट्विटर को एलोन मस्क के टेकओवर करने के बाद पराग को नौकरी से निकाल दिया गया. लेकिन अब वह AI स्पेस की दुनिया में कदम रख रहे हैं.
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Parag Agarwal: भारत के IIT ग्रेजुएट दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियों को लीड कर रहे हैं. ऐसे ही एक IIT ग्रेजुएट पराग अग्रवाल को माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर (वर्तमान में एक्स) ने 100 करोड़ रुपये के सैलरी पैकेज पर जॉब ऑफर की गई थी. लेकिन जैसे ही एलोन मस्क ने ट्विटर को टेकओवर किया, वैसे ही उन्होंने पराग अग्रवाल को नौकरी से निकाल दिया.
एलोन मस्क ने नौकरी से निकाला
दरअसल, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स को एलोन मस्क ने एक बड़े सौदे में हासिल कर लिया था. ट्विटर के नाम से पहले मशहूर एक्स के मालिक बनने के बाद मस्क ने कंपनी में कई बदलाव किए, उन्होंने सबसे पहले पराग अग्रवाल को नौकरी से निकाला, जो कंपनी के सीईओ (CEO) थे.
मांगा 1000 करोड़ का Severance Pay
100 करोड़ रुपये की नौकरी से निकाले जाने के बाद से ही पराग अग्रवाल ज्यादा सार्वजनिक रूप से एक्टिव नहीं है, लेकिन ब्लूमबर्ग की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, वह और निकाले गए अन्य अधिकारी अब 1000 करोड़ रुपये से अधिक का विच्छेद वेतन ( Severance Pay) मांग रहे हैं.
100 करोड़ से ज्यादा का था सैलरी पैकेज
आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट पराग को नौकरी मिलने के बाद उनकी सैलरी करीब 8 करोड़ रुपये थी, इसके अलावा प्रतिबंधित स्टॉक यूनिट की कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी. कुल मिलाकर, पराग का सैलरी पैकेज 100 करोड़ रुपये से अधिक था.
मस्क पर दायर किया मुकदमा
पराग अग्रवाल और ट्विटर के अन्य बर्खास्त अधिकारियों ने प्लेटफॉर्म के मालिक एलन मस्क पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के विच्छेद भुगतान के लिए कथित तौर पर उन्हें ठगने का मुकदमा दायर किया है. वकीलों ने पराग अग्रवाल और अन्य अधिकारियों की ओर से दायर 38-पेज की शिकायत में कहा, "मस्क के नियंत्रण में, ट्विटर एक अवज्ञाकारी बन गया है, जो कर्मचारियों, मकान मालिकों, विक्रेताओं और अन्य लोगों को ठग रहा है. मस्क अपने बिलों का भुगतान नहीं करते हैं, उनका मानना है कि नियम उन पर लागू नहीं होते हैं, और अपने धन और शक्ति का उपयोग उन सभी को दबाने के लिए करते हैं जो उनसे असहमत हैं."
पराग 400 करोड़ के हकदार
रिपोर्ट्स के अनुसार, पराग अग्रवाल लगभग 400 करोड़ रुपये की राशि के विच्छेद भुगतान के हकदार थे.
IIT बॉम्बे से की इंजीनियरिंग
दरअसल, पराग अग्रवाल अजमेर के रहने वाले हैं. उनकी मां इकोनॉमिक्स की रिटायर्ड प्रोफेसर हैं, जबकि उनके पिता भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग में एक सीनियर अधिकारी थे. पराग ने ऑल इंडिया 77वीं रैंक हासिल करने के बाद 2005 में IIT बॉम्बे से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. बाद में वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करने के लिए अमेरिका चले गए.
Yahoo और Microsoft में की इंटर्नशिप
2011 में ट्विटर जॉइन करने से पहले पराग अग्रवाल ने याहू (Yahoo) और माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च (Microsoft Research) में इंटर्नशिप की थी. वे ट्विटर में लगभग छह साल तक कार्यरत रहे, जब तक कि एडम मेसिंगर कंपनी के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर बनने के लिए नहीं चले गए.
249 करोड़ रुपये की मिली फंडिंग
रिपोर्ट के अनुसार, पराग अग्रवाल अब एआई स्पेस (AI Space) में कदम रख रहे हैं और उन्होंने पहले ही 249 करोड़ रुपये का फाइनेंस जुटा लिया है. रिपोर्ट के अनुसार, पराग का बिजनेस उन लोगों के लिए टूल बनाना है, जो ह्यूज लैंग्वेज मॉडल बनाते हैं. यह एक ऐसा बाजार जिसे OpenAI के ChatGPT चैटबॉट ने लोकप्रिय बनाया है.
AI Space में रख रहे कमद
पेपर के अनुसार, अग्रवाल के स्टार्टअप को मुख्य रूप से विनोद खोसला के लीड वाले खोसला वेंचर्स से फाइनेंस प्राप्त हुआ है, जो OpenAI का शुरुआती समर्थक था. इसके अलावा, ऐसा कहा जाता है कि फर्स्ट राउंड कैपिटल और इंडेक्स वेंचर्स लेन-देन में शामिल थे.