कैंसर से जूझ रही थीं मां, रिजल्ट से महीने भर पहले छूटा साथ, नहीं चख पाई बेटे की सफलता का स्वाद; पढ़िए IAS अनिमेष की कहानी
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कैंसर से जूझ रही थीं मां, रिजल्ट से महीने भर पहले छूटा साथ, नहीं चख पाई बेटे की सफलता का स्वाद; पढ़िए IAS अनिमेष की कहानी

UPSC Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा 2023 में ओडिशा के अनिमेष प्रधान सफलता हासिल की है. इस उपलब्धि के बाद से उनका जीवन काफी बदल गया है. यह सब उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है, जो वह आम आम से खास बन गए.

कैंसर से जूझ रही थीं मां, रिजल्ट से महीने भर पहले छूटा साथ, नहीं चख पाई बेटे की सफलता का स्वाद; पढ़िए IAS अनिमेष की कहानी

IAS Animesh Pradhan Success Story: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी में पहले प्रयास में दूसरा स्थान पाना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. ऐसे उम्मीदवारों की उपलब्धि और भी प्रभावशाली लगती है, जब यह पता चला है कि उन्होंने फुल टाइम जॉब कर यह सफलता पाई है. अनिमेष की कहानी दृढ़ संकल्प, खुद पर अटूट विश्वास, कड़ी मेहनत और विचार में सादगी के बारे में है. आइए जानते हैं आईएएस अनिमेष प्रधान के संघर्ष और सफलता की कहानी... 

खुद को भी नहीं थी उम्मीद
अनिमेष बताते हैं कि उन्होंने कभी सपने में भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में एआईआर 2 हासिल करने की उम्मीद नहीं की थी. अनिमेष कहते हैं, "हर दिन अवास्तविक लगता है.  मुझे जो प्यार और प्रशंसा मिल रही है, उससे मैं कृतज्ञता से भर गया हूं. लोगों ने मुझे सम्मानजनक नजरों से देखना शुरू कर दिया है, जो बहुत अच्छा लगता है."

NIT से की है इंजीनियरिंग
साल 2021 में उन्होंने एनआईटी राउरकेला से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री कंप्लीट की. इसके बाद वह इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में शामिल हो गए. अपनी यूपीएससी का यात्रा के बारे में बात करते हुए अनिमेष ने कहते हैं कि उनकी सफलता केवल उनकी दो साल की तैयारी के कारण नहीं थी. इसमें कई फैक्टर्स ने अहम योगदान दिया जैसे उनका पालन-पोषण, स्कूली शिक्षा, कॉलेज, दोस्त, परिवार और वह माहौल जिसमें वह बड़े हुए.

माता-पिता दोनों का साथ छूटा
अनिमेष के मेरे माता-पिता दोनों का सपना था कि वह एक आईएएस अधिकारी बने, लेकिन वे अपने बेटे की इस बड़ी सफलता को देखने के लिए अब इस दुनिया में नहीं रहे. जब वह 11वीं में थे तब अपने पिता को खो दिया था, जिन्होंने अनिमेष के अंदर सिविल सेवा का विचार डाला. उनकी मां लंबे समय से टर्मिनल कैंसर से जूझ रही थीं और परिणाम घोषित होने से एक महीने पहले ही उनका निधन हो गया. अनिमेष कहते हैं, "वह जिस दौर से गुजर रही थीं, उसकी तुलना में मेरी तैयारी का प्रयास छोटा लग रहा था. उन्होंने हमेशा मेरी जीत के लिए अपना बलिदान दिया. आज उनकी जीत है और मैं इसका जश्न मना रहा हूं."

कुकिंग का रखते हैं शौक
अपने बारे में बात करते हुए अनिमेष कहते हैं, "मुझे आर्टिकल लिखना और पेंटिंग करना पसंद है. डांस और कुकिंग करना मेरे कुछ अन्य शौक हैं. मुझे महानगरीय रहन-सहन, विभिन्न संस्कृतियों और व्यंजनों का पता लगाना पसंद है. जब मैं ऊब जाता हूं तो टीवी पर भारतीय संसद में होने वाली बहसें देखता हूं. मुझे नॉन-फिक्शन बुक्स ज्यादा पसंद है." 

सफलता की संभावना
अनिमेष ने कहा, "सिविल सेवा में चयन की राह कठिन है और जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, यह और मुश्किल होती जाती है, लेकिन अगर आपकी वजह और इरादा अटल  है, तो आपकी सफलता की संभावना बहुत ज्यादा होती है."

कड़ी मेहनत का नहीं कोई विकल्प 
यूपीएससी के उम्मीदवारों के लिए उनका कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा अत्यधिक व्यक्तिपरक है और इसमें बहुत ज्यादा किस्मत शामिल था. इसलिए उन्हें अपनी एनर्जी, सोर्सेस और समय उन चीज़ों पर फोकस करना चाहिए जो उनके कंट्रोल में हैं, जो पूरी तरह से कड़ी मेहनत है. उन्होंने यह भी सलाह दी कि परीक्षा की तैयारी और कठिन समय के दौरान प्रेरित रहें. वह कहते हैं, "आप इस यात्रा में सफलताओं से ज्यादा असफलताएं देखेंगे, लेकिन कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है."

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