IAS Naveen Tanwar: नवीन तंवर स्कूल में एक ब्राइट स्टूडेंट थे. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
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(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में पहले गलती से पूर्व IAS अफसर नवीन तंवर की जगह उनके ही हमनाम शिक्षक नवीन तंवर की फोटो लगा दी गई थी. नवीन तंवर को भूगोल में पोस्टग्रेजुएट, यूजीसी नेट जेआरएफ क्वालिफाई और एक यूपीएससी टीचर के रूप में बताया गया था. इसे हमने 5 जुलाई को सुधार लिया है. इस गलती के लिए खेद है.)
IAS officer suspended: बीते समय की गलतियां, कभी ना कभी सामने आ जाती हैं, ऐसा माना जाता है. लेकिन, कभी-कभी ये गलतियां इतना भयानक दुख देती हैं कि इंसान कुछ कर नहीं पाता, भले ही उसकी इच्छा हो. हिमाचल प्रदेश कैडर के एक IAS अफसर के साथ भी ऐसा ही हुआ. करीब दस साल पहले, उन्होंने किसी दूसरे व्यक्ति की जगह पर 2014 IBPS क्लर्क भर्ती परीक्षा दे दी थी. 2014 में CBI ने इस बैंक परीक्षा में दो लोगों को पकड़ा था, जिनमें से एक नवीन तंवर भी थे. कुछ दिनों की जेल के बाद नवीन को जमानत मिल गई. बाद में वह UPSC की परीक्षा पास करके IAS अफसर बन गए.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवीन तंवर स्कूल में एक ब्राइट स्टूडेंट थे. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. दूसरे की जगह पेपर देने की जांच चल रही थी, इस बीच भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और देश की सबसे कठिन परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्होंने 158 की ऑल इंडिया रैंक हासिल की.
2019 के आईएएस अधिकारी नवीन तंवर को कुछ दिन पहले सस्पेंड कर दिया गया था. उन पर किसी और की जगह बैंक क्लर्क पद के लिए एग्जाम देने का आरोप था. तंवर को तीन साल की सजा मिली; इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवम वर्मा ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) तंवर पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया, हालांकि जब सीबीआई अदालत ने जमानत दे दी, तो तंवर को हिरासत से मुक्त कर दिया गया.
नवीन चंबा जिले में जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (डीआरडीए) के प्रोजेक्ट मैनेजर थे. 13 दिसंबर 2014 को तंवर अमित सिंह नाम के उम्मीदवार की जगह गाजियाबाद के आइडियल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आईबीपीएस भर्ती के लिए उपस्थित हुए थे. तंवर उन छह लोगों में से एक थे जिन पर सीबीआई ने "सॉल्वर गैंग" का हिस्सा होने का आरोप लगाया था. अदालती कार्यवाही के दौरान 2019 में धोखाधड़ी में उनकी भूमिका के संबंध में तंवर से पूछताछ की गई और जांच की गई.