मिलिए कर्नल अंशु जामवाल से, जो बनीं एयर डिफेंस रेजिमेंट की कमान संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर
Advertisement
trendingNow12353310

मिलिए कर्नल अंशु जामवाल से, जो बनीं एयर डिफेंस रेजिमेंट की कमान संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर

Colonel Anshu Jamwal: कर्नल अंशु जामवाल ने ओटीए चेन्नई और एडी कॉलेज में इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम करने के अलावा उन्होंने मोनूस्को (MONUSCO) में मिलिट्री ऑब्जर्वर के तौर पर यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग फोर्स के साथ भी काम किया है.

मिलिए कर्नल अंशु जामवाल से, जो बनीं एयर डिफेंस रेजिमेंट की कमान संभालने वाली पहली महिला ऑफिसर

Colonel Anshu Jamwal: भारतीय सेना में अक्सर किसी भी पेशे को हमेशा पुरुषों का पेशा माना जाता रहा है, लेकिन कर्नल अंशु जामवाल इस मानसिकता से अलग हैं. भारतीय सेना के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए कर्नल अंशु जामवाल एयर डिफेंस रेजिमेंट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं. 

यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग फोर्स के साथ कर चुकी हैं काम
कर्नल अंशु जामवाल ने जीसीडब्ल्यू गांधीनगर जम्मू से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है. वह जम्मू के राहिया गांव की रहने वाली हैं. उन्हें 18 मार्च 2006 को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई से कमीशन मिला था. उन्होंने ओटीए चेन्नई और एडी कॉलेज में इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम किया है. इसके अलावा अंशु ने मोनूस्को (MONUSCO) में मिलिट्री ऑब्जर्वर के तौर पर यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग फोर्स के साथ भी काम किया है. भारत लौटने पर उन्हें सेना मुख्यालय में तैनात किया गया. अब उन्हें भारतीय सेना की ऑपरेशनल एयर डिफेंस रेजिमेंट की कमान संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. 

बेटी की उपलब्धी पर पिता की खुशी का ठिकाना नहीं
कर्नल अंशु जामवाल के पिता श्री बीर सिंह जामवाल अपनी बेटी के एयर डिफेंस रेजिमेंट का नेतृत्व करने वाली पहली महिला आर्मी ऑफिसर बनकर इतिहास रचने पर अपनी खुशी को रोक नहीं पाए. उन्होंने कहा कि जब उनकी बेटी ने यूनिट की कमान संभाली, तो वह भी मौके पर मौजूद थे. बीर सिंह जामवाल ने कहा कि उनकी बेटी हमेशा जीवन में कुछ अलग करने की ख्वाहिश रखती थी, जबकि परिवार ने उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाने पर जोर दिया. जम्मू में सरकारी गांधी मेमोरियल साइंस कॉलेज में ट्रेनिंग के दौरान लगाई गई दौड़ की यादें साझा करते हुए उनके पिता ने कहा, "शुरू में हम चाहते थे कि वह एक टीचर बने, लेकिन वह कुछ अलग करना चाहती थी. मैंने उसका साथ देने का फैसला किया." 

लेह सहित कई कठिन क्षेत्रों में अपने देश की करेंगी सेवा
उनकी तैयारी के बारे में बताते हुए उनके पिता बीर सिंह जामवाल ने कहा कि उनकी बेटी गांधी मेमोरियल डिग्री कॉलेज जम्मू में दौड़ती थी, जबकि वह कॉलेज के चारों ओर लगाए जाने वाले उनके राउंड को गिनते थे. कर्नल अंशु जामवाल के पिता ने समारोह के दौरान बहुत गर्व व्यक्त किया जब कर्नल अंशु जामवाल ने आधिकारिक तौर पर रेजिमेंट की कमान संभाली. ऐसा करने वाली पहली महिला बनकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया है. "हमें खुशी है कि हमारी बेटी एक एयर डिफेंस रेजिमेंट की कमान संभालेगी और वह ऐसा करने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई है." सिंह को अपनी बेटी पर गर्व है क्योंकि अब वह लेह सहित कई कठिन क्षेत्रों में अपने देश की सेवा करेगी.

Trending news