Pushpendra Srivastava Motivational Story: पुष्पेंद्र, जो अब 48 साल के हैं, 1996 से प्रतियोगी परीक्षा दे रहे हैं और नेहरू विहार, मुखर्जी नगर में रहते हैं. पुष्पेंद्र भैया के नाम से मशहूर यहां के लगभग सभी छात्र उनसे परिचित हैं और उनका सम्मान करते हैं.
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IPS Manoj Sharma's Roommate Motivational Story: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के नतीजे 16 अप्रैल को देशभर में जारी हो गए. इन सबके बीच पुष्पेंद्र श्रीवास्तव नाम के एक कैंडिडेट की कहानी सुर्खियां बटोर रही है, क्योंकि वह 73 बार यूपीएससी और स्टेट पीसीएस परीक्षा दे चुके हैं. उन्होंने 43 बार मेन्स दिया है और 8 बार इंटरव्यू स्टेज तक पहुंचे, लेकिन अभी तक इसे क्लियर नहीं कर पाए हैं. अब, वह मध्य प्रदेश पीसीएस के लिए अपना नौवां इंटरव्यू देने वाले हैं. बिहार पीसीएस में भी उनके पास एक और मौका बचा हुआ है.
पुष्पेंद्र, जो अब 48 साल के हैं, 1996 से प्रतियोगी परीक्षा दे रहे हैं और नेहरू विहार, मुखर्जी नगर में रहते हैं. पुष्पेंद्र भैया के नाम से मशहूर यहां के लगभग सभी स्टूडेंट्स उनसे परिचित हैं और उनका सम्मान करते हैं। पुष्पेंद्र पिछले 28 साल से अपने यूपीएससी के सपने को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उन्होंने अभी तक शादी नहीं की है, लेकिन उन्हें कोई अफसोस नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले 28 साल में वह कभी भी किसी परीक्षा के प्री में असफल नहीं हुए हैं.
कहां के हैं पुष्पेंद्र
फिलहाल पुष्पेंद्र छतरपुर में रहते हैं. एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुष्पेंद्र मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बंभौरी नाम के गांव के रहने वाले हैं.
1996 में एसएससी पास करने के बाद उन्होंने पहले ही अटेंप्ट में बीएड प्रवेश परीक्षा और मध्य प्रदेश पीसीएस का प्रीलिम्स भी पास कर लिया. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की तो वह इलाहाबाद आ गए. फिर, उन्होंने पहली बार यूपीएससी का अटेंप्ट दिया और मेंस परीक्षा तक पहुंचे. 1997 में उन्हें लगा कि यूपीएससी की तैयारी के लिए इलाहाबाद की तुलना में दिल्ली का मुखर्जी नगर बेहतर जगह है, इसलिए वह दिल्ली आ गए. तब से वह यहीं तैयारी कर रहे हैं.
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IPS मनोज शर्मा के रह चुके हैं रूममेट
दिलचस्प बात यह है कि '12वीं फेल' आईपीएस मनोज शर्मा मुखर्जी नगर में उनके रूममेट थे. गौरतलब है कि विकास दिव्यकीर्ति ने उन्हें पढ़ाया भी है. तैयारी के दौरान पुष्पेंद्र अपने पांचवें दशक के अंतिम पड़ाव पर हैं, लेकिन वे अभी भी डटे हुए हैं.
अपनी तैयारी के अलावा, पुष्पेंद्र एक कोचिंग संस्थान में शिक्षक के रूप में भी काम करते हैं और अच्छा वेतन कमाते हैं. उनका कहना है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह एक सरकारी अधिकारी बनने के अपने सपने को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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