WPI: आलू-प्याज ने बढ़ाई महंगाई, मार्च में तोड़ा रिकॉर्ड... WPI बढ़कर 0.53% पर पहुंचा
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WPI: आलू-प्याज ने बढ़ाई महंगाई, मार्च में तोड़ा रिकॉर्ड... WPI बढ़कर 0.53% पर पहुंचा

WPI Index Data: आलू-प्याज की कीमतों में करीब 10 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में WPI इंडेक्स आधारित इंफ्लेशन सालाना आधार पर मार्च में बढ़कर 0.53 फीसदी पर पहुंच गया है. 

WPI: आलू-प्याज ने बढ़ाई महंगाई, मार्च में तोड़ा रिकॉर्ड... WPI बढ़कर 0.53% पर पहुंचा

India's wholesale price index: मार्च महीने में देश में महंगाई (Inflation) बढ़ गई है. भारत में थोक कीमतों में इजाफा हो गया है. आलू-प्याज की कीमतों में करीब 10 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में WPI इंडेक्स आधारित इंफ्लेशन सालाना आधार पर मार्च में बढ़कर 0.53 फीसदी पर पहुंच गया है. यह इस समय 3 महीने के रिकॉर्ड लेवल पर है. वहीं, फरवरी महीने में यह आंकड़ा 0.20 फीसदी पर था. 

महंगा हुआ आलू-प्याज

फरवरी में 29.22 फीसदी बढ़ने के बाद मार्च में थोक प्याज की कीमतें 56.99 फीसदी बढ़ गईं. इसके अलावा फरवरी में 15.34 फीसदी बढ़ने के बाद मार्च में आलू का थोक मूल्य सूचकांक 52.96 फीसदी बढ़ गया है. 

पिछले साल सस्ता था आलू-प्याज

आंकड़ों से पता चलता है कि एक साल पहले इसी महीने में प्याज की थोक कीमतों में 36.83 फीसदी और आलू की थोक कीमतों में 25.59 फीसदी की गिरावट आई थी. 

सब्जियों के दाम बढ़ने से बढ़ी महंगाई

देश में सब्जियों, आलू, प्याज और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे की वजह से थोक मुद्रास्फीति मार्च में मामूली रूप से बढ़कर 0.53 फीसदी हो गई है. थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से अक्टूबर तक लगातार शून्य से नीचे बनी हुई थी. नवंबर में यह 0.26 फीसदी थी. दिसंबर, 2022 में यह 5.02 फीसदी के स्तर पर थी.

मंत्रालय ने दी जानकारी

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा है कि अखिल भारतीय थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मार्च 2024 में 0.53 प्रतिशत रही. 

क्या कहते हैं आंकड़े?

आंकड़ों के मुताबिक, ग्लोबल लेवल पर कच्चे तेल की कीमतों के बढ़ने से इस साल मार्च में क्रूड ऑयल पेट्रेलियम सेगमेंट में इंफ्लेशन 10.26 फीसदी बढ़ गया. हालांकि, मुख्य रूप से खानेपीने की कीमतों में गिरावट के कारण इस साल मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर पांच महीने के निचले स्तर 4.85 फीसदी पर आ गई. 

खुदरा या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 5.66 प्रतिशत हो गई. यह फरवरी में 5.09 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति मार्च में 8.52 प्रतिशत रही जो फरवरी में 8.66 प्रतिशत थी.

इनपुट - भाषा एजेंसी के साथ

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