WPI in November: WPI का यह पिछले 21 महीने में सबसे निचला स्तर है. इससे पहले अक्टूबर में यह आंकड़ा 8.39 प्रतिशत पर था. खुदरा के साथ ही थोक महंगाई दर में कमी आने से केंद्र सरकार और आरबीआई (RBI) को भी राहत मिली है.
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Wholesale Price Index: खुदरा महंगाई दर में कमी आने के बाद अब थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (Wholesale Price Index, WPI) में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है. नवंबर में थोक मुद्रास्फीति का आंकड़ा गिरकर 5.85 प्रतिशत पर पहुंच गया है. WPI का यह पिछले 21 महीने में सबसे निचला स्तर है. इससे पहले अक्टूबर में यह आंकड़ा 8.39 प्रतिशत पर था. खुदरा के साथ ही थोक महंगाई दर में कमी आने से केंद्र सरकार और आरबीआई (RBI) को भी राहत मिली है.
अक्टूबर 2022 में पहली बार सिंगल डिजिट में रही
दरअसल, महंगाई के स्तर में कमी लाने के लिए आरबीआई की तरफ से पिछले काफी समय से प्रयास किए जा रहे थे. क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट आने से थोक मुद्रास्फीति (WPI) नीचे आई है. मार्च, 2021 में यह 7.89 प्रतिशत पर थी. अप्रैल, 2021 से थोक मुद्रास्फीति दो अंक यानी 10 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई थी. इसके बाद यह अक्टूबर 2022 में पहली बार सिंगल डिजिट में रही थी.
11 महीने में सबसे कम खुदरा महंगाई दर
इससे पहले नवंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 11 महीने के निचले स्तर 5.88 प्रतिशत पर पहुंच गई. एनएसओ की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार 11 महीनों में यह पहला मौका है जब खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई (RBI) के संतोषजनक स्तर से नीचे आ गई है. केंद्रीय बैंक को रिटेल इंफलेशन रेट 2 से 6 प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
खुदरा मुद्रास्फीति दर अक्टूबर, 2022 में गिरकर 6.77 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. पिछले साल नवंबर में यह 4.91 प्रतिशत थी.
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