FCI E-Auction: मोदी सरकार के अनुसार गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए ई-नीलामी मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक हर बुधवार की जाएगी.
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Wheat Price Hike: होली के बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में गेहूं की आवक शुरू हो जाएगी. इससे पहले गेहूं और आटे की कीमत में आग लगी हुई है. लेकिन अब आटे की कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं की ई-नीलामी करने का फैसला किया है. मोदी सरकार के अनुसार गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए ई-नीलामी मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक हर बुधवार की जाएगी. इस बीच भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 15 फरवरी 2023 को दूसरी ई-नीलामी की थी, उसमें 1060 से अधिक बोलीकर्ताओं ने हिस्सा लिया और 3.85 एलएमटी गेहूं की बिक्री की गई.
केवल पांच बोलियां ही प्राप्त हुई थीं
निगम ने 15.25 एलएमटी गेहूं के भंडारण की नीलामी की पेशकश की थी. उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की दूसरी ई-नीलामी में 100 से 499 एमटी की मात्रा की अधिकतम मांग थी. इसके बाद 500-1000 एमटी मात्रा की मांग दूसरे नंबर पर रही. तीसरे नंबर पर 50-100 एमटी गेहूं की मांग रही. इससे पता चलता है कि नीलामी में छोटे और मंझोले आटा मिल वालों तथा कारोबारियों ने सक्रिय हिस्सा लिया. एकमुश्त 3000 एमटी की अधिकतम मात्रा के लिये केवल पांच बोलियां ही प्राप्त हुई थीं.
मार्च 2023 तक हर बुधवार होगी नीलामी
नीलामी में एफसीआई ने औसत दर 2338.01 रुपये कुंतल जारी की थी. दूसरी ई-नीलामी में एफसीआई ने 901 करोड़ रुपये अर्जित किये. मंत्रालय का कहना है कि देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिये मंत्रियों के समूह द्वारा की जाने वाली सिफारिशों के अनुपालन में एफसीआई ई-नीलामी के लिये गेहूं की पेशकश कर रहा है. ई-नीलामी के जरिये गेहूं की बिक्री देशभर में मार्च 2023 के दूसरे सप्ताह तक हर बुधवार को की जाएगी.
भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, सहकारिताओं तथा केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ और नाफेड जैसे संघों के लिये बिना ई-नीलामी के 3 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया है. पहले रियायती दरों पर गेहूं 23.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उठाया जा सकता था. इसी तरह इस योजना के तहत आटा भी जनता को एमएसपी की दर के मद्देनजर उपलब्ध कराया जाता रहा है, जो 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं था.
27.50 रुपये प्रति किलो से अधिक नहीं होगी कीमत
भारत सरकार ने इन दोनों दरों में संशोधन कर दिया है, जिसके अनुसार गेहूं 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम और आटा एमएसपी की दर से ऐसे भंडारण से उठाया जा सकता है, जिसकी कीमत 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होगी. भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (NCCF) को उपरोक्त योजना के तहत आठ राज्यों में 68,000 एमटी गेहूं उठाने की अनुमति दी गई है. इस योजना के तहत नाफेड को 1 एलएमटी गेहूं का आवंटन और केंद्रीय भंडार को 1.32 एलएमटी गेहूं का आवंटन किया गया है, ताकि देशभर में आटे की कीमत को नीचे लाया जाए.
एफसीआई से भंडारण उठाने के बाद आटे की बिक्री इन्हीं सहकारिताओं द्वारा संचालित की जा रही है. गौरतलब है कि ओएमएसएस (D) योजना के जरिए दो महीनों की अवधि में बाजार में ओएमएसएसडी (डी) के तहत बिक्री के लिये 30 एलएमटी गेहूं रखा गया था, जिसमें से 25 एलएमटी से अधिक गेहूं उठा लिया गया है. यह गतिविधि अनेक चैनलों के माध्यम से चलाई जा रही है. इसका भी गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में भूमिका रहेगी तथा खाद्य अर्थव्यवस्था में कीमतों को स्थिर कर आम आदमी को राहत मिलेगी. (Input : IANS)
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