SIP Calculation: अगर आप भी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश को लेकर कोई मिथ्य पाल रखे हैं तो पहले ये खबर जरूर पढ़ लें. यहां एसआईपी से जुड़े कुछ मिथक की सच्चाई बता रहे हैं.
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Common Myths of SIP: अगर आप भी म्यूचुअल फंड्स, SIP, निवेश को लेकर किस तरह के मिथक पाल रखे हैं तो आप ये खबर जरूर पढ़ लें. यहां आपके सारे मिथ्य दूर जाएंगे. आज हम यहां आपको आपको सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) को लेकर ऐसे Myth यानी मिथक बताने जा रहे हैं जो आपको निवेश करने में कन्फ्यूज़ करते हैं.
मिथक नंबर 1- SIP छोटे निवेशकों के लिए है.
सच्चाई- अगर आपको भी लगता है कि SIP सिर्फ छोटे निवेशक के लिए है तो ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. SIP की शुरुआत छोटी रकम से की जा सकती है लेकिन आप रकम बढ़ा भी सकते हैं.आप 1 लाख रुपये या इससे ज्यादा की भी SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं.
मिथक नंबर 2: यह एक 'निवेश प्रोडक्ट' है
सच्चाई- SIP का मतलब होता है, सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी यह निवेश का तरीका है जिसके जरिए आप म्यूचुअल फंड में नियमित अंतराल पर निवेश कर बढ़िया मुनाफा कमाते हैं. करते हैं. ध्यान रखें कि आप SIP के जरिए निवेश करते हैं न कि SIP में निवेश नहीं करते हैं.
मिथक नंबर 3- बाजार में उछाल में SIP न करें
सच्चाई: लोगों में ये मिथक है कि बाजार में गिरावट हो तब SIP करना चाहिए. लेकिन यह बिल्कुल गलत है. जब आप लंबी अवधि के लिए SIP करते हैं तब उस पर उतार चढ़ाव का असर नहीं होता है.
मिथक नंबर 4: SIP की रकम बदल नहीं सकते
सच्चाई: अगर आपको भी ऐसा लगता है कि एसआईपी के जरिए किए गए निवेश की रकम को आप बदल नहीं सकते तो आप इस भ्रम से बाहर आ जाएं. SIP एक फ्लेक्सिबल निवेश है, इसमें आप जब चाहें निवेश की राशि को घटा या बढ़ा सकते हैं. इसमें निवेश की समय सीमा को भी घटाया या बढ़ा सकते हैं.
मिथक नंबर 5- बाजार के गिरावट में SIP रोक दें
सच्चाई- कुछ लोगों को ऐसा लागत है कि जब शेयर बाजार में गिरावट का माहौल हो तब SIP रोक देना चाहिए, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. SIP के जरिए निवेश करने का मकसद तब फेल हो जाता है जब आ गिरते बाजार में निवेश रोकते हैं. इस समय आप अच्छे म्यूचुअल फंड्स का चुनाव करें और रेगुलर SIP जारी रखें .
मिथक नंबर 6- एक SIP सालों तक चलाएं
सच्चाई- लोगों का मानना है कि जब एक ही SIP की राशि को सालों तक जारी रखते हैं, तब उन्हें बड़ा मुनाफा मिलता है. बल्कि ऐसा नहीं है, उल्टे आपको समय-समय पर आपको SIP की रकम को भी बढ़ाते रहना चाहिए. फिर जैसे हर साल आपकी सैलरी बढ़ती है वैसे-वैसे SIP की रकम भी बढ़नी चाहिए.
मिथक नंबर 7- SIP देता है गारंटीड रिटर्न
सच्चाई- अगर आपको ऐसा लगता है कि SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश से आपको रिटर्न गारंटी मिलती है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है. दरअसल, म्यूचुअल फंड्स भी मार्केट लिंक्ड होते हैं इसलिए बाजार के ट्रेडिंग पर आपका रिटर्न भी प्रभावित होता है.