भारत ने उतारा दोस्त रूस का अहसान, युद्ध संकट के बीच खरीदा बंपर तेल, देखता रह गया अमेरिका
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भारत ने उतारा दोस्त रूस का अहसान, युद्ध संकट के बीच खरीदा बंपर तेल, देखता रह गया अमेरिका

India Purchase Crude Oil From Russia:   रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना हुआ है. दिसंबर में भारत से रूस से 3.92 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा. साल दर साल रूस से कच्चे तेल के आयात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं नवंबर 2023 के मुकाबले रूस से तेल आयात में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. नवंबर में भारत ने रूस से 3.61 अरब डॉलर का तेल खरीदा था.

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Russian crude oil: यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बावजूद भारत ने दोस्ती निभाते हुए रूस के साथ कच्चे तेल के खरीद को जारी रखा है. हालांकि इसे लेकर कई बार भारत को सवालों के घेरे में खड़ा किया गया, लेकिन हर बार भारत ने मजबूती के साथ अपना पक्ष रखते हुए रूस के साथ संबंधों और तेल की खरीद को जारी रखा. रूस और भारत की ये दोस्ती अमेरिका का खटक रही है. रूस के साथ कच्चे तेल के कारोबार को जारी रखकर भारत ने अमेरिका की दादागिरी को करारा जवाब है.   

रूस भारत का टॉप सप्लायर 

यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया. तमाम प्रतिबंधों के बाद भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा. अगर आंकड़ों को देखें तो रूस भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना हुआ है. दिसंबर में भारत से रूस से 3.92 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा. साल दर साल रूस से कच्चे तेल के आयात में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं नवंबर 2023 के मुकाबले रूस से तेल आयात में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. नवंबर में भारत ने रूस से 3.61 अरब डॉलर का तेल खरीदा था. साल 2023 में मॉस्को भारत का सबसे बड़ा तेल सप्लायर बना हुआ था.  

भारत ने निभाई रूस से दोस्ती 

मॉस्को से तेल खरीदने पर भारत को कई बार पश्चिमी देशों से टारगेट किया. अमेरिका ने भी आंख दिखाने की कोशिश की, लेकिन भारत ने सबको किनारा करते हुए रूस के साथ अपने संबंधों को जारी रखा. यूरोपीय थिंक टैंक के मुताबिक भारत ने रूसी तेल से 37 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा. फिनलैंड के सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर के मुताबिक भारत ने रूसी कच्चे तेल की मात्रा यूक्रेन युद्ध से पहले की तुलना में 13 गुना बढ़ा दी है. वहीं CNN की रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी देशों ने रूस से जितना तेल खरीदना बंद किया, उतना अकेले भारत ने खरीद लिया. यूक्रेन के साथ युद्ध संकट के बीच भारत ने तेल खरीद कर रूस के खजाने में 37 अरब डॉलर डाले.  

भारत-रूस की दोस्ती, अमेरिका को जवाब

पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बावजूद भारत इस बार को बार-बार दोहराता रहा है कि रूस से तेल खरीदना उसका अधिकार है. उसने किसी भी प्रतिबंध का उल्लघंन नहीं किया है. भारत ने ये भी कहा कि कुछ यूरोपीय देश भारत से भी ज्यादा मात्रा में रूस से तेल खरीद रहे हैं. उनके मुकाबले भारत का कारोबार तो बहुत छोटा है. अमेरिका और पश्चिमी देशों के विरोध के बावजूद भारत खुले मंच पर अपने अधिकारों को लेकर बेबाकी से अपनी राय को रखता रहा है. म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया कि भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा. भारत के पास ये अधिकार है. वो न तो पश्चिमी देशों के दवाब में आकर कोई फैसला लेगा और न ही रूस के साथ तेल के कारोबार को रोकेगा. उन्होंने कहा कि भारत के पास तेल के लिए कई स्त्रोत हैं, रूस उनमें से एक है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ अपने बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों और रूस के साथ कारोबार को जारी रखना कोई समस्या नहीं और न किसी और के लिए होनी चाहिए.   

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