Fixed Deposit: निवेश करने के कई सारे माध्यम मौजूद है, जहां बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. हालांकि कई सारे लोग अपनी पूंजी को सुरक्षित रखकर उस पर रिटर्न हासिल करना चाहते हैं. ऐसे में लोग एफडी (Fixed Deposit) की तरफ भी कदम बढ़ा देते हैं.
निवेश करने के कई सारे माध्यम मौजूद है, जहां बेहतर रिटर्न हासिल किया जा सकता है. हालांकि कई सारे लोग अपनी पूंजी को सुरक्षित रखकर उस पर रिटर्न हासिल करना चाहते हैं. ऐसे में लोग एफडी (Fixed Deposit) की तरफ भी कदम बढ़ा देते हैं. एफडी के जरिए लोग अपनी पूंजी सुरक्षित रख पाते हैं और उस पर एक निश्चित ब्याज दर पर रिटर्न भी हासिल करते हैं. लेकिन अगर आप एफडी करवाने के बाद एक गलती कर देते हैं तो आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
एफडी देश में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है क्योंकि यह जोखिम मुक्त है और रिटर्न की गारंटी देता है. यह एक निवेश है जिसमें ग्राहक एक निश्चित अवधि के लिए एक खाते में एक निश्चित राशि जमा करता है और उस पर ब्याज अर्जित करता है.
एफडी में जमा की गई राशि को लॉक कर दिया जाता है. यह लॉक-इन पीरियड उस शख्स के जरिए ही चुना जाता है, जो एफडी करवा रहा होता है. हालांकि कई बार ऐसा देखने को मिला है कि एफडी को मैच्योरिटी से पहले ही तोड़ा जाता है.
लोग एफडी करवा लेते हैं तो कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि लोगों को अचानक से धन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में लोग बिना कुछ सोचे-समझे एफडी तुड़वा लेते हैं. हालांकि मैच्योरिटी से पहले अगर एफडी तुड़वाई जाती है और उससे पैसा निकाला जाता है तो पेनल्टी लगती है.
एफडी में से समय से पहले भी निकासी की जा सकती है लेकिन ऐसी स्थिति में शख्स को जुर्माना देना पड़ता है. जिससे एफडी पर मिलने वाले ब्याज की राशि पर भी असर पड़ता है.
वहीं लोग अगर FD को समय से पहले बंद करवाकर पैसे निकाल लेते हैं तो ज्यादातर बैंक इस पर चार्ज वसूल करते हैं और जुर्माने के तौर पर ब्याज दर के 0.5% और 1.00% के बीच जुर्माना लगाया जाता है.
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