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Adani Group पर आया बड़ा अपडेट, करोड़ों रुपये के कर्ज को लेकर किया कुछ ऐसा

Adani: अडाणी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि 7374 करोड़ रुपये के शेयर-समर्थित कर्ज को निर्धारित अवधि से पहले ही चुका दिया गया है जबकि इनकी अवधि अप्रैल, 2025 में पूरी होने वाली थी. ग्रुप ने कहा, ‘‘सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को कम करने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के अनुरूप इनको तय समय से पहले चुका दिया गया है.’’

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Adani Share: कई तरह के विवादों में घिरे अडाणी ग्रुप ने मंगलवार को कहा कि उसने शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए 7374 करोड़ रुपये के कर्ज को चुका दिया है और इस तरह के अन्य ऋण का भी वह मार्च अंत तक भुगतान कर देगा. अडाणी ग्रुप ने एक बयान में कहा कि 7374 करोड़ रुपये के शेयर-समर्थित कर्ज को निर्धारित अवधि से पहले ही चुका दिया गया है जबकि इनकी अवधि अप्रैल, 2025 में पूरी होने वाली थी. ग्रुप ने कहा, ‘‘सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को कम करने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता के अनुरूप इनको तय समय से पहले चुका दिया गया है.’’

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ग्रुप की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में प्रवर्तकों की चार प्रतिशत हिस्सेदारी गिरवी रखी गई थी जबकि अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड में उनकी 11.8 प्रतिशत हिस्सेदारी बैंकों के पास गिरवी थी. इनके अलावा अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के 3.6 करोड़ शेयर भी गिरवी रखे गए थे, जो प्रवर्तकों की 4.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसी तरह अडानी ग्रीन एनर्जी के 1.1 करोड़ शेयर यानी प्रवर्तकों की 1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी भी कर्जदाताओं के पास गिरवी रखी गई थी.

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इन शेयरों के एवज में लिए गए कर्ज को चुकाने के बाद समूह की इन चार कंपनियों में प्रवर्तकों के शेयर उनके पास लौट आएंगे. इसके पहले अडानी ग्रुप ने फरवरी की शुरुआत में भी कुछ कर्ज चुकाया था. बयान के मुताबिक, अभी तक अडानी ग्रुप ने 2.016 अरब डॉलर मूल्य का शेयर-समर्थित कर्ज चुका दिया है. इसके साथ ही ग्रुप ने कहा कि वह 31 मार्च, 2023 तक सभी शेयर-समर्थित कर्ज को चुकाने की प्रवर्तकों की प्रतिबद्धता पर अडिग है.

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अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर वित्तीय धोखाधड़ी और शेयरों के भाव चढ़ाने में हेराफेरी करने के आरोप लगाए गए थे. हालांकि समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार बताते हुए नकार दिया था लेकिन उसकी कंपनियों के शेयरों के भाव लगातार गिरते चले गए. हालत यह हो गई कि रिपोर्ट आने के एक महीने के भीतर अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 60 प्रतिशत से भी अधिक गिर गया. वैसे पिछले हफ्ते से इस गिरावट पर लगाम लगी है और फिर से शेयरों की कीमतों में तेजी देखी जा रही है.

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अडानी ग्रुप पर कर्ज का भारी बोझ होने से उसकी वित्तीय सेहत को लेकर कई बार सवाल उठे हैं. पिछले चार साल में समूह का सकल कर्ज दोगुना हो चुका है. गत सितंबर में फिच समूह की इकाई क्रेडिटसाइट्स ने कहा था कि अडानी ग्रुप ने अपने विस्तार के लिए कर्ज का सहारा लिया है और अब वह हद से ज्यादा कर्ज में है. अडानी ग्रुप पर सकल कर्ज बढ़कर 2.21 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. ग्रुप को अगले साल दो अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा बॉन्ड का भी भुगतान करना होगा.

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