Income Tax व‍िभाग की रडार पर पेनी स्‍टॉक से पैसा बनाने वाले, देना पड़ सकता है 80% टैक्‍स
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Income Tax व‍िभाग की रडार पर पेनी स्‍टॉक से पैसा बनाने वाले, देना पड़ सकता है 80% टैक्‍स

Long Term Capital Gain: आयकर व‍िभाग को जानकारी म‍िली है क‍ि कुछ लोग इस तरह से होने वाली इनकम को लॉन्‍ग टर्म कैप‍िटल गेन द‍िखाकर इनकम टैक्‍स व‍िभाग को चपत लगा रहे हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग इसके जर‍िये शॉर्ट टर्म लॉस द‍िखाकर भी टैक्‍स देनदारी कम कर रहे हैं.

Income Tax व‍िभाग की रडार पर पेनी स्‍टॉक से पैसा बनाने वाले, देना पड़ सकता है 80% टैक्‍स

Pennystock Scam: अगर आपने भी क‍िसी पेनी स्‍टॉक (Penny Stocks) में पैसा न‍िवेश क‍िया है तो यह खबर आपको चौंका सकती है. जी हां, इस तरह के सस्‍ते शेयर में इनवेस्‍टमेंट कर कम समय में मोटा पैसा कमाने वाले आयकर व‍िभाग के न‍िशाने पर हैं. ऐसे न‍िवेशकों से व‍िभाग कमाई के आधार पर भारी भरकम टैक्‍स मांग रहा है. अगर आपने खुद या आपके क‍िसी म‍िलने वाले ने ऐसे शेयर से पैसा कमाया है तो आने वाले समय में बड़ी समस्‍या हो सकती है. ऐसे न‍िवेशकों को जुर्माना के साथ भारी टैक्‍स भी देना पड़ सकता है. इस तरह के स्‍टॉक से हुई कमाई को आयकर व‍िभाग अघोष‍ित आय मानता है.

80% तक का टैक्‍स देने के ल‍िए रहे तैयार!

अघोष‍ित आय ऐसी इनकम को कहा जाता है ज‍िसके बारे में कमाई करने वाले की तरफ से जानकारी नहीं दी जाती और ऐसे पैसे पर 60% का टैक्‍स लगाया जाता है. इसके अलावा इस पर 25% सरचार्ज, जुर्माना और सेस जोड़ने से यह 80% से भी ज्यादा हो सकता है. यानी आपने यद‍ि 100 रुपये कमाए हैं तो आपकी यह आमदनी घटकर 20 रुपये तक रह सकती है. इसके बावजूद भी आपको क‍िसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसकी कोई गारंटी नहीं. लेक‍िन यद‍ि न‍िवेशक यह साब‍ित कर दें क‍ि वह असली निवेशक हैं तो उन्‍हें इससे राहत म‍िल सकती है.

राहत के ल‍िए क्‍या करना होगा?
80 प्रत‍िशत तक टैक्‍स से राहत पाने के ल‍िए आप इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) में या हाई कोर्ट में अपील कर सकते हैं. टैक्स एक्‍सपर्ट का कहना है क‍ि इस स्‍थ‍ित‍ि में आपके पास पूरे दस्तावेज होना जरूरी है. आयकर व‍िभाग के अधिकारी 'पेनी स्टॉक' स्‍कैम के प्रत‍ि काफी सतर्क हैं. इस तरह के घोटाले से कुछ लोग काला धन इकट्ठा कर रहे हैं और इनकम टैक्‍स का फायदा उठा रहे हैं. इसके जर‍िये लॉन्‍ग टर्म कैप‍िटल गेन (LTCG) या शॉर्ट टर्म कैप‍िटल लॉस या ब‍िजनेस लॉस होने का दावा क‍िया जाता है. शॉर्ट टर्म कैप‍िटल लॉस में घाटा द‍िखाकर इनकम को एडजेस्‍ट करने से टैक्‍स लायब‍िल‍िटी कम हो जाती है.

कैसे हो रहा खेल
जब भी कोई 'पेनी स्टॉक' स्‍कैम पकड़ में आता है तो आयकर व‍िभाग के अधिकारी जांच रिपोर्ट के आधार पर ऐसे शेयरों से होने वाली आमदनी को लॉन्‍ग टर्म कैप‍िटल गेन (LTCG) नहीं बल्‍क‍ि अघोषित आय मानते हैं. आयकर व‍िभाग के न‍ियमानुसार अघोषित आय पर ज्‍यादा टैक्‍स देना होता है. लेक‍िन इसका नुकसान ऐसे न‍िवेशकों को होता है ज‍िन्‍होंने इन शेयरों में इनवेस्‍ट करके असल कमाई की होती है. न‍ियमानुसार एक साल से ज्‍यादा टाइम तक क‍िसी शेयर में न‍िवेश क‍िया जाता है तो ल‍िस्‍टेड शेयर से होने वाले फायदे को लॉन्‍ग टर्म कैप‍िटल गेन माना जाता है और इस पर 10 प्रत‍िशत टैक्‍स देय होता है.

1 अप्रैल 2018 से एक लाख रुपये से ज्‍यादा के लॉन्‍ग टर्म कैप‍िटल गेन (LTCG) पर 10 प्रत‍िशत टैक्‍स देने का न‍ियम है. इस तरह यह 80% से काफी कम है. टैक्‍स मामलों से जुड़े जानकारों का कहना है क‍ि हर निवेशक को इनकम टैक्‍स ड‍िपार्टमेंट से गलत निवेशक नहीं माना जा सकता. मार्केट में हजारों-लाखों न‍िवेशक ऐसे होते हैं जो अफवाह और टिप्स के आधार पर शेयरों की खरीद और ब‍िक्री करते हैं. ऐसा जरूरी नहीं कि किसी निवेशक को क‍िसी पेनी स्‍टॉक से बड़ा फायदा हुआ हो और वह फायदा असली नहीं हैं.

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