'70 नहीं 140 घंटे काम', नारायण मूर्ति के बाद OLA के CEO ने छेड़ी नई बहस
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'70 नहीं 140 घंटे काम', नारायण मूर्ति के बाद OLA के CEO ने छेड़ी नई बहस

ओला (Ola) के भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarawal) ने देश के युवाओं को 140 घंटे काम करने के बारे में कहा है. एनआर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) की तरफ से दिए गए एक स्टेटमेंट का समर्थन करते हुए भाविश ने कर दिया ये ट्वीट-

'70 नहीं 140 घंटे काम', नारायण मूर्ति के बाद OLA के CEO ने छेड़ी नई बहस

कुछ समय पहले ही देश की दिग्गज IT Company Infosys के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने सभी को हर दिन 12 घंटे काम करने की बात कही थी. उस समय पर उन्होंने कहा था कि हमारे देश के युवाओं को इस समय पर हर दिन करीब 12 घंटे काम करना चाहिए, जिससे देश तेजी से आगे बढ़ सके. उनकी तरफ से दिए गए इस स्टेटमेंट का ओला (Ola) के भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarawal) ने सपोर्ट किया. 

अब एनआर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) की इस बात पर समर्थन करते हुए भाविश अग्रवाल ने एक ट्वीट कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वह नारायण मूर्ति की बात से पूरी तरह से सहमत है. इस बात पर उन्होंने एक मजाकिया अंदाज में ट्वीट किया. 

भाविश ने ट्वीट में लिखी ये बात

ट्वीट में भाविश अग्रवाल ने लिखा है कि हमें काम में घंटे लगाने चाहिए. सिर्फ 70 घंटे नहीं, बल्कि 140 से भी ज्यादा घंटे काम करना चाहिए. इस ट्वीट में आगे उन्होंने लिखा "ओनली फन, नो वीकेंड"

इससे पहले किया था एक और ट्वीट

इससे पहले भाविश की तरफ से एक और ट्वीट किया गया था, जिसमें कहा उन्होंने अपनी बात शेयर की थी. इस ट्वीट में उन्होंने कहा था कि यह वक्त कम काम करने और मौज-मस्ती करने का नहीं है. बल्कि इस समय में हमें सिर्फ एक पीढ़ी में पैसा बनाना चाहिए. यानी युवाओं को 12 घंटे काम करना चाहिए. 

दादा-दादी की पीढ़ी ने देखी स्वतंत्रता की लड़ाई

इसके अलावा अग्रवाल ने यह भी बताया कि हमारे दादा-दादी की पीढ़ी ने भारत के स्वतंत्रता की लड़ाई देखी थी. और हमारे माता-पिता की पीढ़ी ने जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं के लिए लड़ाई लड़ी है. 

पॉडकास्ट में नारायण मूर्ति ने कही ये बात

3one4 Capital के पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के हालिया एपिसोड के दौरान, नारायण मूर्ति ने चिंता व्यक्त की कि भारत के युवाओं ने राष्ट्र में योगदान दिए बिना "बेस्ट की नॉट सो डिजायरेवल हेवेट्स" को अपना लिया है. उन्होंने दावा किया कि "भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में लोअस्ट पर होगी"

मूर्ति ने आगे जोर देकर कहा, "हमारे युवाओं को कहना चाहिए, यह मेरा देश है. मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहता हूं."

कई पीढ़ीयों के मेहनत के बाद आया है ऐसा समय

भाविश अग्रवाल ने मूर्ति की बातों को दोहराते हुए कहा कि "यह समयय हमारे लिए कुछ अलग करने और... एक ऐसी पीढ़ी का निर्माण करने का है, जिसे अन्य पीढ़ियों ने कई पीढ़ियों के बाद बनाया है."

सोशल मीडिया पर छिड़ गई है बहस

मूर्ति और अग्रवाल दोनों की टिप्पणियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बहस छेड़ दी है. कई लोगों का मानना ​​है कि भारत के शाइन करने का समय आ गया है और देश के युवाओं को अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए. हालांकि, अन्य लोगों का तर्क है कि ये दोनों ही इंफ्लुएंस लोग भारत के लोगों की जिंदगी की सच्चाई से बाहर हैं, क्योंकि वे 70 घंटे के कठिन कार्य सप्ताह की मांग करते हैं.

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