Kailash Mansarovar Yatra: भारत-चीन के बीच डायरेक्ट फ्लाइट (Delhi Beijing direct flight) फिर शुरू होगी और कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग खुलेगा. विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की मुलाकात ( Wang Yi meets Vikram Misri) के बाद यह निर्णय लिया गया.
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India, China agree to resume direct air services: भारत-चीन सीमा से सोमवार को दो बड़ी खबरें आईं. पहली खबर से कारोबारी तबके के चेहरे खिल गए. उनके साथ-साथ ही चीन में नौकरी के अवसर तलाश रहे लोगों ने भी राहत की सांस ली. वहीं दूसरी खबर भगवान भोलेनाथ के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आई. दरअसल भारत और चीन दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू करने (India, China agree to resume direct air services) पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं. इसके साथ ही चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया है.
विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों पक्ष इन अहम विषयों पर लंबी चर्चा के बाद आगे बढ़ने के लिए राजी हो गए हैं. गौरतलब है कि डोकलाम विवाद और नॉर्थ ईस्ट में खासकर अरुणाचल प्रदेश सीमा और तिब्बत सीमा पर लंबे समय से बने तनाव के हालात के चलते दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी. भारत और चीन के संबंध 2020 में अपने निचले स्तरों पर आ गए थे. डोकलाम में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में दोनों पक्षों को जान-माल का नुकसान हुआ था.
चीन में क्या चल रहा है?
कोविड काल यानि 2020 से भारत और चीन के बीच बंद डायरेक्ट फ्लाइट्स को दोबारा शुरू करने पर सहमति बन गई है. चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य भी हैं, ने सोमवार को बीजिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री (Vikram Misri) से मुलाकात की. पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह इस बात का संकेत है कि चीन और भारत राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच संवाद बढ़ाने और विशिष्ट मुद्दों पर काम करने के लिए एक तंत्र को बहाल कर रहे हैं.
रिश्तों की नई डगर
सीजीटीएन की रिपोर्ट के मुताबिक वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को एक-दूसरे की ओर बढ़ने और आपसी सफलता हासिल करने के अवसर का लाभ उठाना चाहिए, न कि एक-दूसरे पर संदेह करना, अलग-थलग पड़ना और एक-दूसरे को निगल जाना चाहिए. विक्रम मिस्री ने वांग की भावनाओं को दोहराते हुए राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अध्यक्ष के रूप में चीन के काम का पूरा समर्थन करने की भारत की इच्छा व्यक्त की.