OFS For RVNL: कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि प्रस्तावित बिक्री पेशकश में आरवीएनएल (RVNL) के 70,890,683 इक्विटी शेयर शामिल हैं. यह 3.40 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. साथ ही 40,866,394 अतिरिक्त इक्विटी शेयर बेचने का विकल्प भी है. यह कुल जारी और चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 1.96 प्रतिशत है.
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Rail Vikas Nigam Ltd Share Price: मोदी सरकार की तरफ से दो कंपनियों के प्राइवेटाइजेशन पर काम किया जा रहा है. सरकार बिक्री पेशकश (OFS) के जरिये रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) में अपनी 5.36 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है. इससे सरकारी खजाने को 1,329.90 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा, 'आरवीएनएल में गैर-खुदरा निवेशकों के लिए बिक्री पेशकश आज से शुरू हो रही है.
खुदरा निवेशक शुक्रवार से बोली लगा सकेंगे
खुदरा निवेशक इसके लिए शुक्रवार से बोली लगा सकते हैं. सरकार ने बिक्री पेशकश के लिए 5.36 प्रतिशत हिस्सेदारी तय की है. ज्यादा बोली आने पर 1.96 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सेदारी के विनिवेश को भी शामिल किया गया है. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि प्रस्तावित बिक्री पेशकश में आरवीएनएल (RVNL) के 70,890,683 इक्विटी शेयर शामिल हैं. यह 3.40 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है. साथ ही 40,866,394 अतिरिक्त इक्विटी शेयर बेचने का विकल्प भी है. यह कुल जारी और चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 1.96 प्रतिशत है.
1,330 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद
कुल मिलाकर 11.17 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जिससे 119 रुपये प्रति शेयर की न्यूनतम कीमत के आधार पर सरकारी खजाने को 1,329.90 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. दूसरी तरफ मोदी सरकार डिसइंवेस्टमेंट के जरिये बीईएमएल (BEML) का प्राइवेटाइजेशन भी करने की तैयारी कर रही है. अभी प्राइवेटाइजेशन की प्रक्रिया
स्थानीय राज्य सरकार से भूमि के ट्रांसफर को पूरा करने के लिए अंतिम मंजूरी में देरी के कारण रुकी हुई है. रॉयटर्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार बीईएमएल (BEML) में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी घटाने पर विचार कर रही है.
राज्य सरकार की तरफ से जमीन के ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राइवेटाइजेशन का काम पूरा हो जाएगा. मौजूदा समय में सरकार के पास कुल 54% हिस्सेदारी है. इस बिक्री से सरकार को मौजूदा शेयर मूल्य पर करीब 232.5 मिलियन डॉलर (1900 करोड़ रुपये) हासिल हो सकते हैं. वित्तीय वर्ष 2024 में विनिवेश आय में 510 बिलियन रुपये जुटाने की योजना को मजबूती मिलेगी.