Narayana Murthy: इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने हाल ही में एक हफ्ते में 70 घंटे काम की सलाह दी थी. उनकी इस सलाह को समर्थन से अधिक आलोचना का सामना करना पड़ा. हालांकि भारतीय मूल के एक अरबपति विनोद खोसला ने उनके बयान को सराहा. यही नहीं आलोचना करने वालों को खोसला ने इलाज कराने की सलाह तक डे डाली.
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Vinod Khosla on Narayana Murthy: भारत में अभी एक हफ्ते में 6 दिन या पांच दिन काम करने की व्यवस्था है. जो लोग हफ्ते में पांच दिन काम करते हैं उन्हें ऑफिस में 9 घंटे मौजूदा होना होता है, जबकि 6 दिन काम करने वालों के लिए यह समय 8 घंटे का होता है. लेकिन इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के मुताबिक मौजूदा वर्किंग ऑवर कम है. उनके मुताबिक हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए. इस हिसाब से आप को हर दिन 10 घंटे काम करना होगा. उनके इस बयान या सलाह के बाद सोशल मीडिया पर उबल पड़ा. चर्चा भी तेज हो गई कि क्या यह व्यावहारिक तौर पर संभव है. इन सबके बीच भारतीय मूल के एक अरबपति विनोद खोसला उनके समर्थन में आ गए.
विनोद खोसला ने दी सलाह
भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी और सन माइक्रोसिस्टम्स के सह-संस्थापक विनोद खोसला ने इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति के उस सुझाव का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की समग्र कार्य उत्पादकता में सुधार के लिए भारत के युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए. एक्स पर एक यूजर के सवाल का जवाब देते हुए खोसला ने कहा कि जिन लोगों को मूर्ति की राय से हमला महसूस हुआ, उन्हें मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा की आवश्यकता है. जो लोग इससे हमला महसूस करते हैं' उन्हें मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा की आवश्यकता है. उन्हें सख्त होना सीखना चाहिए और हमला महसूस नहीं करना चाहिए.
एक हफ्ते में 70 घंटे काम करने का सुझाव
सिलिकॉन वैली के दिग्गज ने कहा था कि सप्ताह में 70 घंटे काम न करने से आपको अपने पड़ोसियों को दिखाने के लिए सबसे बड़ा घर या कार नहीं मिल सकती है, लेकिन आप वह विकल्प चुन सकते हैं. कई अन्य चीजें लोगों को खुश करती हैं. दूसरों की सफलता की अपेक्षाओं से आंतरिक रूप से प्रेरित रहें और बाहरी रूप से प्रेरित न हों. बड़ी उपाधियां बड़ा घर हर किसी को खुश नहीं करता. द सेरेब्रल वैली पॉडकास्ट के एक हालिया एपिसोड में खोसला ने कहा कि अगर उनका स्वास्थ्य अनुमति देता है, तो वह अगले 25 वर्षों के लिए निवेश करने की योजना बना रहे हैं. निवेशक ने आगे कहा कि उनकी यह कहावत है जब आप रिटायर होते हैं तो आप बूढ़े हो जाते हैं, जब आप बूढ़े हो जाते हैं तो आप रिटायर नहीं होते हैं. उन्होंने बहुत से लोगों को सेवानिवृत्त होते और बूढ़े होते देखा है. इसलिए वो स्पष्ट रूप से अगले 25 वर्षों तक स्वास्थ्य के लिहाज से ऐसा करने की योजना बना रहा हूं और फिर मैं वॉरेन बफे की उम्र का हो जाऊंगा और वह अभी भी ऐसा कर रहे हैं.
निवेश करियर में बड़ा नाम
खोसला का निवेश करियर 1986 में क्लेनर पर्किन्स काफिल्ड एंड बायर्स में जनरल पार्टनर बनने के बाद शुरू हुआ. 2004 में, उन्होंने खोसला वेंचर्स नाम से अपनी खुद की वीसी फर्म शुरू की, इसने इंस्टाकार्ट, इम्पॉसिबल फूड्स और डोरडैश जैसी कंपनियों का समर्थन किया.मूर्ति ने एक यूट्यूब पॉडकास्ट में यह कहकर बहस छेड़ दी थी कि अगर भारत हाल के दशकों में उल्लेखनीय प्रगति करने वाली विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है, तो युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए.हाल ही में बेंगलुरु टेक समिट में जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ बातचीत मेंउन्होंने बुनियादी ढांचा क्षेत्र के कर्मचारियों को एक के बजाय तीन शिफ्ट में काम करने की सलाह दी.कुछ लोग मूर्ति से सहमत हैं, अधिकांश लोग इस तरह के कठिन कार्य शेड्यूल के स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों के बारे में सशंकित और चिंतित हैं.खोसला से पहले जेएसडब्ल्यू ग्रुप के चेयरमैन सज्जन जिंदल और बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी भी मूर्ति के विचारों का समर्थन कर चुके हैं. सीआरईडी के संस्थापक कुणाल शाह ने कहा कि कार्य-जीवन संतुलन के साथ कोई बड़ी उपलब्धि नहीं आ सकती है जबकि उन्होंने उल्लेख किया कि कार्य-जीवन संतुलन एक व्यक्तिगत पसंद है.
(एजेंसी इनपुट- आईएएनएस)