Indo Myanmar Border: 1643 किमी लंबी भारत-म्यांमार बॉर्डर पर लगेगी बाड़, सुरक्षा तो ठीक, जरा खर्च भी जान लीजिए
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Indo Myanmar Border: 1643 किमी लंबी भारत-म्यांमार बॉर्डर पर लगेगी बाड़, सुरक्षा तो ठीक, जरा खर्च भी जान लीजिए


Indo Myanmar Border: म्यांमार-भारत की 1643 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगाने से दोनों देशों के बीच लोगों की मुक्त आवाजाही खत्म हो जाएगी.1643 किमी की सीमा रेखा पर बाड़ लगाने में 3200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. 

 Indo Myanmar Border

India-Myanmar border fence: गृहमंत्री अमित शाह ने  भारत-म्यांमार सीमा (India-Myanmar border fence) पर बाड़ लगाने की घोषणा की. सरकार के इस फैसले के बाद से इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है. फेंसिंग के खर्च से लेकर उसके दूसरे विक्लप को लेकर बहस हो रही है. म्यांमार-भारत की 1643 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगाने से दोनों देशों के बीच लोगों की मुक्त आवाजाही खत्म हो जाएगी. लेकिन इसमें खर्च कितना आएगा? इसके क्या नफा-नुकसान होंगे ?  

बाड़ लगाने का खर्च 

म्यांमार-भारत सीमा पर बाड़ लगाना चुनौतीपूर्ण है. घने-बीहड़ जंगल, पहाड़ी इलाक़े में बाड़ लगाना आसान नहीं है. द प्रिंट में छपे लेख में पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (रि.) ने बाड़ लगाने के खर्च का जिक्र किया. म्यांमार-भारत की सीमा पर बाड़ लगाना बातों से जितना आसान लग रहा है, उसे वास्तव में लगाना उतना ही मुश्किल है. मुश्किलों की बात बाद में करेंगे, पहले खर्च पर चर्चा करते हैं. सटीक आंकड़े तो फिलहाल नहीं है, लेकिन मोटे अनुमान के मुताबिक इस सीमा पर बाड़ लगाने में प्रति किलोमीटर मोटा-मोटी 2 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. वो भी तब जब मौसम ने साथ दिया और बड़ी परेशानी या काम में रुकावट नहीं आई तो. 

लगाने से लेकर मेंटिनेंस का खर्च 

इस खर्च का अंदाजा भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगने वाले बाड़े से लगाते हैं .सरकार ने भारत-बांग्लादेश की 4000 किमी सीमा में से 3326 किमी पर फेंसिंग की मंजूरी. दो चरणों में वहां बाड़ लगाए गए. पहले चरण में बाड़ लगाने का खर्च 1059 करोड़ रुपये और दूसरे चरण में का अनुमानित खर्च 4,393.69 करोड़ रुपये है. इसी फॉर्मूले को अगर म्यांमार सीमा पर लगाए तो 1643 किमी की सीमा रेखा पर बाड़ लगाने में 3200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. यहां आपको बता दें कि म्यांमार-भारत सीमा पर फेंसिंग अधिक चुनौतीपूर्ण हैं. बाड़ लगाना ही काम नहीं है, उले साल दर साल मेंटेन करना जरूरी है. यानी बाड़ लगाने के खर्च के साथ-साथ उसके मेंटिनेंस पर भी खर्च आएगा.

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