NPS vs UPS: न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) को मिलाकर 10% पेंशन निधि के लिए काटा जाता है. इसके अलावा बेसिक सैलरी का 14 प्रतिशत योगदान सरकार करती है.
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NPS Rules: अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, केंद्र सरकार की तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में कॉन्ट्रीब्यूशन से जुड़े कुछ नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांस एंड पेंशन के तहत काम करने वाले डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेलफेयर ने इस बदलाव से जुड़ा नोटिफिकेशन 7 अक्टूबर 2024 को जारी किया है. आइए देखते हैं इसमें क्या कहा गया?
नए नियम में क्या-क्या कहा गया?
नए नियमों के अनुसार पहले की तरह कर्मचारियों को हर महीने अपनी सैलरी का 10% हिस्सा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में जमा करने की बात कही गई है, इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं है. इस पैसे को हमेशा निकटतम पूर्ण रुपये में दर्ज कराया जाएगा. उदाहरण के लिए यदि आपका कॉन्ट्रीब्यूशन 1453.53 रुपये होता है तो इसके लिए आपसे 1454 ररुपये का भुगतान लिया जाएगा. इसमें कहा गया है यदि कर्मचारी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया जाता है तो वह अपने कॉन्ट्रीब्यूशन को जारी रखने का विकल्प चुक सकते हैं. यदि बाद में उन्हें पता चलता है कि उन्हें गलती से सस्पेंड किया गया था तो उनकी नई सैलरी के हिसाब से योगदान की राशि फिर से तय की जाएगी.
प्रोबेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कॉप्ट्रीब्यूशन जरूरी
यदि कॉन्ट्रीब्यूशन की राशि में कोई गलती होती है तो उसे पेंशन अकाउंट में ब्याज के साथ जमा कर दिया जाएगा. अगर कर्मचारी अनुपस्थित रहते हैं या बिना सैलरी छुट्टी पर रहते हैं तो उन्हें उस अवधि के लिए एनपीएस अकाउंट में कॉन्ट्रीब्यूट नहीं करना होगा. अगर कर्मचारी को दूसरे विभाग या संगठन में भेज दिया जाता है तो उन्हें तब भी NPS में योगदान देना जारी रखना होगा, जैसे कि उन्हें ट्रांसफर नहीं किया गया हो. प्रोबेशन पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी कॉप्ट्रीब्यूशन करना जरूरी है. यदि कॉन्ट्रीब्यूशन में देरी होती है तो प्रभावित कर्मचारियों को उनके योगदान के साथ ब्याज भी मिलेगा.
एनपीएस क्या है?
न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) को मिलाकर 10% पेंशन निधि के लिए काटा जाता है. इसके अलावा बेसिक सैलरी का 14 प्रतिशत योगदान सरकार करती है. न्यू पेंशन स्कीम शेयर मार्केट से लिंक्ड है जिसका सीधा सा मतलब है कि सरकारी कर्मचारी की पेंशन सीधे बाजार के उतार-चढ़ाव पर डिपेंड करती है. रिटायरमेंट पर पेंशन प्राप्त करने के लिए एनपीएस (NPS) का 40% एन्युटी में निवेश किया जाना चाहिए. एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद गारंटीड पेंशन की पेशकश नहीं की जाती, जिसको लेकर सरकारी कर्मचारियों का विरोध लंबे समय से चला आ रहा है.
अगले साल लागू होगा यूपीएस
आपको बता दें पिछले दिनों सरकारी कर्मचारियों की मांग के बाद सरकार की तरफ से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को पेश किया गया था. इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू करने की बात कही गई है. इसके तहत पेंशन की फंडिंग की जिम्मेदारी कर्मचारी की नहीं होगी. इसमें सरकार कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 18.5 प्रतिशत वहन करेगी. गारंटीड पेंशन स्कीम होने के नाते इसमें कम से कम 10 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारी न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन पाने के हकदार होंगे. ग्रेच्युटी के अलावा यूपीएस में रिटायरमेंट के समय एकमुश्त पैसा मिलता है. इसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी आखिरी 12 महीने में एवरेज बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में प्राप्त करने के हकदार होंगे.