NFSA: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत निशुल्क गेहूं दिया जाता है. लेकिन सरकार ने करनाल, अंबाला, यमुनानगर, रोहतक और हिसार जिलों का चयन गेहूं की बजाय आटा देने के लिए किया है.
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Ration Card Latest Update: अगर आपके पास भी राशन कार्ड है और आप सरकार की तरफ से संचालित की जा रही फ्री राशन योजना का फायदा उठा रहे हैं तो आपको इससे जुड़े अपडेट जरूर पता होने चाहिए. सरकार की तरफ से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त गेहूं और चावल मुहैया कराया जाता है. इसके तहत हरियाणा सरकार की तरफ से बड़ा बदलाव किया गया है. सरकार की तरफ से किए गए बदलाव के बाद कुछ जिलों में गरीबों को गेहूं की बजाय आटा दिया जाएगा. हालांकि इसके लिए उन्हें प्रति किलो के हिसाब से तय कीमत का भुगतान करना होगा.
आटा वितरित करने का आदेश दिया
हरियाणा के सभी जिलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत निशुल्क गेहूं दिया जाता है. लेकिन सरकार ने करनाल, अंबाला, यमुनानगर, रोहतक और हिसार जिलों का चयन गेहूं की बजाय आटा देने के लिए किया है. इन पांचों ही जिलों में राशन कार्ड धारकों को गेहूं की बजाय आटा दिया जाएगा. जनवरी में इन पांचों जिलों के 3.35 लाख लोगों को आटा नहीं मिल सका. इसके बाद यह मामला मीडिया में छाया रहा. हरियाणा सरकार ने 3 रुपये किलो की पिसाई की लागत लेकर गरीबों को आटा वितरित करने का आदेश दिया है.
एक कार्ड पर 35 किलो अनाज
पांचों जिले में करीब 8.354 लाख राशन कार्ड धारक हैं. नए नियम के अनुसार परिवार के लोगों के आधार पर राशन कार्डधारकों को आटे का वितरण शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा कार्ड धारकों को चीनी और चावल पहले की ही तरह मिलता रहेगा. अंत्योदय अन्न योजना के कार्डधारकों को 35 किलो प्रतिकार्ड के हिसाब से और बीपीएल को 5 किलो प्रति यूनिट के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. राशन कार्ड धारकों से तीन रुपये प्रति किलो की दर से आटे की पिसाई ली जा रही है. इसके अलावा प्रति राशन कार्ड एक किलो चीनी दी जाती है, जिसकी एवज में 13.50 रुपये लिये जाते हैं.
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