अडानी की दो कंपनियों का ANIL में हुआ विलय, जानिए क्यों लिया फैसला, अब क्या है आगे का प्लान ?
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अडानी की दो कंपनियों का ANIL में हुआ विलय, जानिए क्यों लिया फैसला, अब क्या है आगे का प्लान ?

गौतम अडानी की कंपनी ने बड़ा फैसला लिया है. अडानी की फ्लैगशिप कंपनी ने दो सब्सिडियरी कंपनियों का मर्जर किया है. अडानी की दो कंपनियों का अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड  (ANIL) में मर्जर हुआ है. कंपनी की ओर से शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी गई है.

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Adani Company merger in ANIL: गौतम अडानी की कंपनी ने बड़ा फैसला लिया है. अडानी की फ्लैगशिप कंपनी ने दो सब्सिडियरी कंपनियों का मर्जर किया है. अडानी की दो कंपनियों का अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड  (ANIL) में मर्जर हुआ है. कंपनी की ओर से शेयर बाजार को इसकी जानकारी दी गई है. इस जानकारी के मुताबिक अदाणी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी लिमिटेड का विलय अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Adani New Industries Limited/ANIL) में हो गया है.  

अडानी की दो कंपनियों का विलय  

अडानी एंटरप्राइजेज की दो कंपनी  अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी लिमिटेड का मर्जर कंपनी के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड में हुआ है. बता दें कि अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स गौतम अडानी की रियल एस्टेट कंपनी है, जो थर्मल और सोलर पावर प्रोजेक्ट्स बनाने का काम करती है. वहीं मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी बिजली प्रोडक्शन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती है.  

 क्या है इस विलय का मकसद 

ANIL यानी अडानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड समूह की सहायक कंपनी है जो ग्रीन हाइड्रोजन, पवन टर्बाइनों और सोलर मॉड्यूल और बैटरी मैन्यूफैक्चरिंग का काम करती है. कंपनी एनर्जी और यूटिलिटी, ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक और इंक्यूबेशन सेक्टर के क्षेत्र में काम कर रही है. इस मर्जर का मकसद कंपनी के ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट को बढ़ावा देना है. कंपनी ने ये विलय रणनीति के तहत की है. जिसका मकसद अडानी एंटरप्राइजेज के संचालन को सुव्यवस्थित करना है. इस विलय के जरिए कंपनी अपनी सहायक कंपनियों की बीच कोऑडिनेशन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है.  इसका फायदा कंपनी की सब्सिडियरी ANIL को मजबूत करने में मिलेगा. कंपनी ग्रीन और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर पर अपना फोकस बढ़ा सकेगी.  

क्या होगा फायदा  

इस विलय के बाद कंपनी सोलर सेल और मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग के लिए अपना सप्लाई सिस्टम तैयार कर सकेगी. इस विलय से कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन पर अपना फोकस बढ़ा सकेगी. ये कंपनी लो कार्बन प्रोजेक्ट्स पर काम करती है. इन सबका फायदा कंपनी को मिलेगा.  

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