जून में आने वाली है खुशखबरी... अमेरिका के साथ ही यूरोप भी घटाएगा ब्याज दरें, दौड़ लगाएगा भारत का बाजार?
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जून में आने वाली है खुशखबरी... अमेरिका के साथ ही यूरोप भी घटाएगा ब्याज दरें, दौड़ लगाएगा भारत का बाजार?

Europe interest rates: अब यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों को 4 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर कायम रखा है. इस बार यूरोप के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. 

जून में आने वाली है खुशखबरी... अमेरिका के साथ ही यूरोप भी घटाएगा ब्याज दरें, दौड़ लगाएगा भारत का बाजार?

European Central Bank: जापान-पाकिस्तान-भारत के बाद अब यूरोप ने भी ब्याज दरें जारी कर दी है. इंफ्लेशन को काबू लाने के दौड़ में लगे दुनियाभर के केंद्रीय बैंक अपने-अपने हिसाब से कदम उठा रहे हैं. अब यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों को 4 फीसदी की रिकॉर्ड ऊंचाई पर कायम रखा है. इस बार यूरोप के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. यह लगातार पांचवी मीटिंग थी जब ECB ने ब्याज दरों को स्थिर रखा है. 

यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने डिपॉजिट फैसिलिटी को 4 फीसदी और मार्जिनल लेंडिग रेट को 4.75 फीसदी पर कायम रखा हुआ है. वहीं, केंद्रीय बैंक ने यह भी संकेत दिया है कि जून की बैठक में वह भी ब्याज दरों में कमी कर सकता है. इसके अलावा अमेरिकी की तरफ से भी खबर आ रही है कि फेड रिजर्व जून की बैठक में वहां पर भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. 

इंफ्लेशन अब कंट्रोल में...

यूरोपीय संघ का केंद्रीय बैंक पहले इस बात की पुष्टि करना चाहता है कि तेजी से घटता इंफ्लेशन अब कंट्रोल में आ चुका है. इसके बाद ही वह ब्याज दर में बदलाव पर कोई कदम उठाएगा. केंद्रीय बैंक की रेट-सैटिंग कमेटी ने अपने निर्णय के बाद जारी बयान में कहा है कि अंतनिर्हित मुद्रास्फीति के अधिकांश उपाय कम हो रहे हैं... लेकिन घरेलू मूल्य दबाव मजबूत है जिससे सेवा मूल्य मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर बनी हुई है. 

क्रिस्टीन लेगार्ड का क्या है मानना?

इस मीटिंग के बाद ईसीबी की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि अगर आने वाले आंकड़ों इंफ्लेशनमें गिरावट की पुष्टि करते हैं तो मॉनेटरी पॉलिसी के प्रतिबंध के मौजूदा स्तर को कम करना सही रहेगा. 

दुनियाभर के केंद्रीय बैंक कर रहे इंतजार

इस समय अमेरिकी फेड रिजर्व के साथ ही दुनियाभर के कई सेंट्रल बैंक इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि घटता इंफ्लेशन आखिर कब उनको ब्याज दरों में कटौती करने का मौका देगा. ईसीबी ने यह भी बताया है कि पिछली ब्याज दरों में इजाफा होने से डिमांड पर भी असर आया है. इससे इंफ्लेशन को कम करने में मदद मिल रही है. 

भारत में भी नहीं बदली ब्याज दरें

भारत में भी हाल ही में हुई आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. भारत में भी लगातार 7वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. भारत में रेपो रेट्स की दरें अभी भी 6.5 फीसदी पर ही बरकरार हैं. 

जापान ने किया बदलाव

जापान में पिछले 17 सालों से ब्याज दरें निगेटिव थी. अब निगेटिव ब्याज दरों की लंबे समय से चली आ रही नीति समाप्त हो गई है. अब बैंक ऑफ जापान ने छोटी अवधि की ब्याज दर को 0-0.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. 

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