FM Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब इस बार बजट पेश करेंगी तो उससे नौकरीपेशा और मिडिल क्लास काफी उम्मीदें लगाकर बैठा है. सरकार इन उम्मीदों को कितना पूरा करती है यह 1 फरवरी को पेश किये जाने वाले बजट भाषण से ही साफ होगा.
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Budget 2025 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को लगातार आठवीं बार देश का आम बजट (Union Budget 2025) पेश करेंगी. हर बार की तरह इस बार भी सैलरीड क्लास और टैक्सपेयर्स वित्त मंत्री से काफी उम्मीद लगाए हुए हैं. अब उनकी उम्मीदें कितनी पूरी होंगी, ये तो बजट भाषण से साफ होगा. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस बार वित्त मंत्री की तरफ से इनकम टैक्स में राहत देने के लिए कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है. दरअसल, जुलाई 2024 में पेश हुए बजट के बाद से दुनिया में कई तरह के बदलाव देखे गए हैं. आइए देखते इस बार के बजट से टैक्स पेयर्स को क्या-क्या उम्मीद है?
न्यू टैक्स रिजीम में क्या है उम्मीद?
उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार की तरफ से न्यू टैक्स रिजीम को अपनाने पर जोर देने के साथ ओल्ड टैक्स रिजीम में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता. न्यू टैक्स रिजीम के तहत मूल कर छूट सीमा अभी 3 लाख रुपये है. उम्मीद है कि इस इस लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है. अगर यह बदलाव होता है तो टैक्सपेयर्स के हाथ में खर्च करने या सेविंग के लिये ज्यादा पैसा आएगा. लोगों के हाथ में पैसा बढ़ने से इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा.
स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ेगा?
न्यू टैक्स रिजीम के तहत अभी 7 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता. लेकिन इस बार के बजट में उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसके बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर सकती है. इसके अलावा न्यू रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने की भी उम्मीद की जा रही है. इन दोनों को बढ़ाने से महंगाई का मुकाबला करने में मदद मिलेगी. इन दोनों में बदलाव होता है तो सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होगा. इनहैंड पैसा बढ़ने से मिडिल क्लास फाइनेंशियल मैनेजमेंट आसानी से कर सकेगी.
घर खरीदने वालों को क्या देगी सरकार?
सरकार का लक्ष्य है कि देश में हर किसी के पास अपना घर हो. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव किया जा सकता है. रियरएस्टेट इंडस्ट्री लंबे समय से मांग कर रही है कि होम लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर ज्यादा छूट मिलनी चाहिए. अभी ओल्ड रिजीम के तहत इनकम टैक्स के सेक्शन 24(b) में होम लोन के दो लाख रुपये तक के ब्याज पर छूट मिलती है. इस लिमिट को बढ़ाने की मांग की जा रही है. अगर इस लिमिट को बढ़ाया जाता है तो घर लेने का प्लान कर रहे लोगों को घर लेने में आसानी होगी.
जुलाई 2024 में क्या हुआ था ऐलान
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट 23 जुलाई 2024 को पेश किया गया था. वित्त मंत्री ने इस बजट में टैक्स पेयर्स और सैलरीड क्लास को ध्यान में रखकर कुछ ऐलान किये थे. इसमें सबसे अहम बदलाव सरकार की तरफ से नए टैक्स स्लैब को पेश करके किया गया. इसके तहत 15 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30% टैक्स है. इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को 17500 रुपये की बचत करने में मदद मिलती है. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50,000 से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया. फैमिली पेंशनर्स के लिए भी लिमिट को 15,000 से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया. कैपिटल गेन टैक्स में भी इस बजट के दौरान अहम बदलाव हुए. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) की टैक्स दर 15% से बढ़ाकर 20% की गई. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) 10% की बजाय 12.5% कर दिया गया. शेयर बाजार में निवेश पर LTCG छूट की सीमा एक लाख से बढ़ाकर सवा लाख कर दी गई.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब
>> 0-3 लाख रुपये: 0% टैक्स
>> 3-6 लाख रुपये: 5% टैक्स
>> 6-9 लाख रुपये: 10% टैक्स
>> 9-12 लाख रुपये: 15% टैक्स
>> 12-15 लाख रुपये: 20% टैक्स
>> 15 लाख रुपये और उससे ज्यादा: 30% टैक्स
ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब (60 साल तक की उम्र वालों के लिये)
>> 2.5 लाख रुपये: 0% टैक्स
>> 2.5 लाख से 5 लाख रुपये: 5% टैक्स
>> 5 लाख से 10 लाख रुपये तक: 20% टैक्स
>> 10 लाख रुपये से ज्यादा: 20% टैक्स