RBI: निवेश की मात्रा का खुलासा किए बिना चड्ढा ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों के लिए बैंक के कुल जोखिम का 30 प्रतिशत उन संस्थाओं की ओर है जो राज्य के जरिए संचालित संस्थाओं के साथ संयुक्त उद्यम में हैं या जोखिम सरकार के स्वामित्व वाली संस्थाओं की गारंटी द्वारा समर्थित है.
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Adani Group Share: अडानी ग्रुप को लेकर इन दिनों कई तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं. अब अडानी ग्रुप को लेकर कई बैंकों ने अहम अपडेट भी दिया है. दरअसल, अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप को मुश्किलों ने घेर लिया है. भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड अडानी ग्रुप की कंपनियों में पिछले कई दिनों से भारी गिरावट देखने को मिल रही है और अडानी ग्रुप की करीब आधी मार्केट वैल्यू स्वाहा भी हो चुकी है. इस बीच अब बैंक ऑफ बड़ौदा और जेके बैंक ने अडानी ग्रुप पर अपना बयान दिया है.
बैंक ऑफ बड़ौदा
सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि उसने पिछले दो वर्षों में अडानी समूह की संस्थाओं के लिए जोखिम कम कर दिया है और समूह के साथ संपत्ति की गुणवत्ता के मुद्दों पर कोई चिंता नहीं है. बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव चड्ढा ने कहा कि ग्रुप की संस्थाओं के लिए बैंक का कुल एक्सपोजर लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) के तहत अनुमत एकल समूह एक्सपोजर का एक चौथाई है. हालांकि बैंक ने कोई संख्या नहीं बताई है.
आरबीआई
एलईएफ में आरबीआई का कहना है कि किसी बैंक से जुड़े प्रतिपक्षों के समूह के लिए सभी एक्सपोजर मूल्य हर समय बैंक के उपलब्ध पात्र पूंजी आधार के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होने चाहिए. निवेश की मात्रा का खुलासा किए बिना चड्ढा ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों के लिए बैंक के कुल जोखिम का 30 प्रतिशत उन संस्थाओं की ओर है जो राज्य के जरिए संचालित संस्थाओं के साथ संयुक्त उद्यम में हैं या जोखिम सरकार के स्वामित्व वाली संस्थाओं की गारंटी द्वारा समर्थित है.
अडानी ग्रुप
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में बैलेंस शीट के प्रतिशत के रूप में समग्र जोखिम कम हो गया है. अडानी समूह के जोखिम पर एक बैंक के एमडी और सीईओ ने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता के दृष्टिकोण से कोई चिंता वाली बात नहीं है. उन्होंने कहा कि बैंक कॉर्पोरेट लोन शेयर की कीमतों के आधार पर नहीं बल्कि बुक वैल्यू और संपत्ति के आधार पर देते हैं.
जेके बैंक
वहीं अडानी ग्रुप पर लगभग 250 करोड़ रुपये के लोन वाले जम्मू और कश्मीर बैंक ने कहा कि बैंक निवेशकों को चिंता करने की कोई बात नहीं है. जेके बैंक के उप महाप्रबंधक निशिकांत शर्मा ने कहा कि अडानी ग्रुप को हमारा लोन जेके बैंक के जरिए वित्तपोषित परियोजनाओं की संपत्तियों के एवज में सुरक्षित है. शर्मा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर बैंक ने अडानी समूह को दो थर्मल पावर परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 400 करोड़ रुपये का लोन दिया था.
अडानी शेयर
उन्होंने कहा कि जब हमने 10 साल पहले दो परियोजनाओं को वित्तपोषित किया था, तो हमारा एक्सपोजर 400 करोड़ रुपये था, जो अब 240 करोड़ रुपये से 250 करोड़ रुपये हो गया है. भुगतान नियमित हैं और दोनों बिजली परियोजनाएं बिजली खरीद समझौते के साथ चालू हैं. इनकी बिक्री पर पहला चार्ज बैंक का होता है. अडानी के खाते से एक पैसा भी बकाया नहीं है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट
बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद पिछले हफ्ते से अडानी समूह के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं. इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर करके अडानी ग्रुप ने कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फ्रॉड किया है. इस रिपोर्ट के बाद से ही अडानी ग्रुप के शेयर की कीमतों में लगातार गिरावट दिखी. वहीं ग्रुप को 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को भी रद्द करना पड़ा.
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