'गोली ही मार दो सीधा...', इनकम टैक्‍स नोट‍िस की टाइमिंग को लेकर ब‍िफरे अशनीर ग्रोवर
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'गोली ही मार दो सीधा...', इनकम टैक्‍स नोट‍िस की टाइमिंग को लेकर ब‍िफरे अशनीर ग्रोवर

Tax Terrorism or Vendetta: इससे पहले भी अशनीर ग्रोवर कई मौकों पर इनकम टैक्‍स व‍िभाग के प्रत‍ि अपनी नाराजगी जाह‍िर कर चुके हैं. ग्रोवर ने भारत में टैक्स देने की तुलना सजा से की थी. उन्होंने कहा था भारत में टैक्स स‍िस्‍टम असमान है, सरकार हमारी कमाई का 30-40% ले लेती है और कोई फायदा नहीं मिलता.

'गोली ही मार दो सीधा...', इनकम टैक्‍स नोट‍िस की टाइमिंग को लेकर ब‍िफरे अशनीर ग्रोवर

Ashneer Grover Income Tax Notice: अश्‍नीर ग्रोवर की मुश्‍क‍िलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. उन्‍होंने मंगलवार को इनकम टैक्‍स ड‍िपार्टमेंट की तरफ से भेजे गए नोट‍िस पर सवाल उठाया. ग्रोवर ने एक्‍स (पूर्व में ट्व‍िटर) पर आयकर व‍िभाग की तरफ से द‍िए नोट‍िस शेयर करते हुए ल‍िखा 'Tax Terrorism or Vendetta?' उन्‍होंने मंगलवार को भेजे गए नोटिस पर इनकम टैक्‍स व‍िभाग की मंशा को लेकर सवाल उठाया. अशनीर ग्रोवर की पोस्‍ट के अनुसार सुबह 8 बजे भेजे गए नोटिस में भारतपे के फाउंडर से कल दोपहर 12.28 बजे तक जवाब देने के ल‍िए कहा गया है.

फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री और इनकम टैक्‍स व‍िभाग को टैग क‍िया

ग्रोवर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को टैग करते हुए एक्‍स पर पोस्ट किया, 'Tax terrorism or vendetta?, फैसला खुद करें, आज सुबह 8 बजे इनकम टैक्स का नोटिस आया और जवाब देने के लिए कल दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक का समय दिया गया है. अब चीजों को वास्तविक दिखाने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा, गोली ही मार दो सीधा.' इस पोस्‍ट में ग्रोवर ने फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री और इनकम टैक्‍स व‍िभाग को भी टैग क‍िया है.

पहले भी जता चुके हैं नाराजगी
यह पहला मौका नहीं है जब शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज ने इनकम टैक्‍स व‍िभाग के प्रत‍ि अपनी नाराजगी जाह‍िर की है. ग्रोवर ने भारत में टैक्स देने की तुलना सजा से की थी. उन्होंने एक वीडियो में कहा था 'भारत में टैक्स स‍िस्‍टम असमान है, सरकार हमारी कमाई का 30-40% ले लेती है और बदले में कोई खास फायदा नहीं मिलता.'

'टैक्सपेयर देश में चैर‍िटी कर रहे'
ग्रोवर ने यह भी कहा था क‍ि 'टैक्सपेयर देश में चैर‍िटी कर रहे हैं. उन्हें इससे क‍िसी तरह का फायदा नहीं मिल रहा. जब आपको पता चले आप क‍ि आपने 10 रुपये कमाए और इसमें से सरकार 4 रुपये रख लेगी, तो ऐसा लगता है कि साल के 12 महीने में से पांच महीने आप सरकार के लिए ही काम कर रहे हैं. जिंदगीभर आप कितने साल और सरकार के गुलाम बनकर रहेंगे...हम सबने इसे मान लिया है कि यह तो चलता रहता है.'

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...इसल‍िए टैक्‍स नहीं देते कारोबारी
ग्रोवर ने यह भी कहा चूंकि कारोबारी (entrepreneurs) इस चीज को समझते हैं, इसलिए वो टैक्स नहीं देते. लेकिन सैलरीड क्‍लॉस के पास कोई विकल्प नहीं होता क्योंकि उनका टैक्स सैलरी से कट जाता है. उन्‍होंने कहा टैक्स तो एक सजा है. ऊपर से आप 18 परसेंट जीएसटी भी भर रहे हैं. आख‍िर में आप जी क‍िसके लिए रहे हो?'

एक दूसरे वीड‍ियो में ग्रोवर ने बताया था कि यद‍ि वो कभी राजनीत‍ि में आते हैं तो उनकी प्राथमिकता देश में इनकम टैक्‍स की दर कम करना होगा. उन्‍होंने कहा अगर सभी लोगों के लिए टैक्स की एक समान दर 10-15 प्रतिशत रखी जाए और टैक्स चोरी रोकने के लिए सख्त नियम लागू किए जाएं तो सरकार को ज्यादा टैक्स मिल सकता है.

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