नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा कि इंडियन इकोनॉमी चालू वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और आने वाले कई साल तक यही वृद्धि दर बरकरार रहने की संभावना है. विरमानी ने कहा कि देश के सामने नई चुनौतियां हैं और उनसे निपटना होगा.
Trending Photos
GDP Growth: नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा कि इंडियन इकोनॉमी चालू वित्त वर्ष 2024-25 में करीब 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और आने वाले कई साल तक यही वृद्धि दर बरकरार रहने की संभावना है. विरमानी ने कहा कि देश के सामने नई चुनौतियां हैं और उनसे निपटना होगा. उन्होंने कहा, ‘इंडियन इकोनॉमी 7 प्रतिशत की दर (0.5 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ) से बढ़ेगी. मुझे उम्मीद है कि हम आज से कई साल तक 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की राह पर हैं.’
7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. निजी उपभोग व्यय में गत वित्त वर्ष 2023-24 में गिरावट के बारे में पूछे जाने पर विरमानी ने कहा कि वास्तव में अब इसमें सुधार हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘वैश्विक महामारी के कारण बचत कम हुई...और यह पिछले वित्तीय झटकों से बहुत अलग था.’
महामारी के कारण लोगों को अपनी बचत निकालनी पड़ी
विरमानी ने कहा, ‘पिछले साल भी अल नीनो आया था, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण लोगों को अपनी बचत निकालनी पड़ी. इसलिए स्वाभाविक कदम यह होना चाहिए कि फिर से बचत की जाए, जिसका मतलब है कि वर्तमान में खपत कम होगी.’ उन्होंने खपत में कमी को समझाते हुए कहा कि अगर आज लोग बड़े ब्रांड का सामान खरीद रहे हैं, तो वे सस्ते ब्रांड या साधारण सामान खरीदेंगे और पैसे बचाएंगे.
भारत के सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने के बावजूद देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में गिरावट के बारे में विरमानी ने कहा कि उभरते बाजारों की तुलना में अमेरिका तथा अन्य विकसित देशों में निवेश पर जोखिम रहित ‘रिटर्न’ कहीं अधिक है. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही अमेरिका में ब्याज दरें कम होने लगेंगी, मुझे उम्मीद है कि भारत सहित उभरते बाजारों में एफडीआई बढ़ेगा.’