Akasa Air के 43 पायलटों ने एकसाथ अचानक दिया इस्तीफा, क्या बंद होने की कगार पर एयरलाइंस?
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Akasa Air के 43 पायलटों ने एकसाथ अचानक दिया इस्तीफा, क्या बंद होने की कगार पर एयरलाइंस?

Pilots Resign: वहीं दूसरी तरफ आकासा एयर ने इस्‍तीफे के खिलाफ नियमों का हवाला देकर दिल्‍ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया है. कंपनी ने कहा है कि एकसाथ नौकरी छोड़ने से उसकी एयरलाइंस पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा है.

Akasa Air के 43 पायलटों ने एकसाथ अचानक दिया इस्तीफा, क्या बंद होने की कगार पर एयरलाइंस?

Akasa Airlines: बिग बुल के नाम से मशहूर और शेयर बाजार के दिग्गज रहे राकेश झुनझुनवाला की कंपनी आकासा एयर से बड़ी खबर सामने आई है. सिर्फ एक साल के अंदर ही कंपनी भारी मुश्किलों में फंस गई है. कंपनी के 43 पायलटों ने एकसाथ इस्‍तीफा दे दिया है, जिससे रोजाना 24 उड़ानें कैंसिल करनी पड़ रही हैं. मामला इतना बिगड़ गया है कि कोर्ट तक पहुंच गया है. बताया जा रहा है कि आकासा के पायलट दूसरी एयरलाइन कंपनियों खासकर टाटा ग्रुप की एयर इंडिया का रुख कर रहे हैं.

इस्तीफा देने से कंपनी संकट में
दरअसल, इसकी जानकारी खुद एयरलाइंस ने दिल्ली हाई कोर्ट को दी है. इन पायलटों के इस्तीफा देने से कंपनी संकट में है और ये बंद भी हो सकती है. आकासा एयरलाइंस का पक्ष रखते हुए वकील ने दलील दी कि जो पायलट अचानक कंपनी इस्तीफा देकर चले गए हैं, उनमें से किसी फर्स्ट ऑफिसर या फिर कैप्टन ने नोटिस पीरियड का पालन नहीं किया है. इन पदों के लिए क्रमश: 6 महीने और एक साल नोटिस पीरियड था. पायलटों के चले जाने एयरलाइंस मुश्किल में फंस गई है. 

कंपनी ने कोर्ट से अपील की
रिपोर्ट्स के मुताबिक आकासा एयर से इस्तीफा देने वाले पायलटों ने अनिवार्य नोटिस पीरियड को सर्व नहीं किया है. जबकि नियमों के मुताबिक फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए नोटिस पीरियड छह महीने और कैप्टन के लिए एक साल है. कंपनी ने कोर्ट से अपील की है कि वह एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) को अनिवार्य नोटिस पीरियड से जुड़े नियमों का पालन करने के लिए एम्पावर करे. डीजीसीए के वकील ने कहा कि रेगुलेटर इसमें कुछ नहीं कर सकता है.

क्या कहा एयरलाइंस ने?
वहीं इस मामले में एयरलाइंस के प्रवक्ता ने इससे पहले एक बयान जारी कर कहा कि हम कुछ पायलट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चाहते हैं जो संविदा में तय अनिवार्य नोटिस अवधि को पूरा किए अपनी ड्यूटी छोड़कर चले गए. नियमों के मुताबिक प्रथम श्रेणी अधिकारी के लिए इस्तीफे के बाद छह महीने तक कंपनी को सेवा देना अनिवार्य है जबकि कैप्टन के लिए यह अवधि एक साल है.

विमानन कंपनी ने कहा कि कुछ पायलट की ओर से उठाया गया कदम केवल संविदा नियमों का ही नहीं बल्कि नागरिक विमानन नियमन का भी उल्लंघन है. कंपनी ने कहा कि यह कानूनी रूप से न केवल अवैध है बल्कि अनैतिक और स्वार्थी कृत्य है जिसकी वजह से अगस्त में आखिरी समय में उड़ानों को रद्द करना पड़ा एवं इससे हजारों यात्री फंस गए और उन्हें समस्या का सामना करना पड़ा है.

उड़ानों को रद्द करना पड़ा
बता दें कि आकासा एयर ने अगस्त 2022 को मुंबई से अहमदाबाद के बीच पहली वाणिज्यिक उड़ान शुरू की लेकिन कई पायलट के इस्तीफे से वह मुश्किल का सामना कर रही है. कंपनी ने अदालत को बताया कि कई पायलट के इस्तीफा देने से सितंबर में उसे बड़ी संख्या में उड़ानों को रद्द करना पड़ा है. फिलहाल पिछले कुछ समय में एयरलाइंस के पायलटों ने एक साथ बड़ी संख्या में नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में अपनी सेवा के स्तर को बनाए रखने के लिए कंपनी ने बड़ी संख्या में फ्लाइट्स को कैंसल कर दिया है. इनपुट-एजेंसी

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