Indigo Flight: फ्लाइट में जिस तरह से यात्रियों, एयर होस्टेस के लिए नियम बनाए गए होते हैं. वैसे ही पायलट के लिए भी कई नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन करना उनके लिए जरूरी है. लेकिन इंडिगो की फ्लाइट में हुए कांड के बाद में यह सामने आया कि... फ्लाइट के पायलट ने नियमों को तोड़ा है.
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Indigo Flight: इंडिगो फ्लाइट (Indigo Flight) में हुए थप्पड़कांड के बाद में सामने आया है कि पायलट की तरफ से नियमों का उल्लंघन किया गया है. बता दें फ्लाइट में जिस तरह से यात्रियों, एयर होस्टेस के लिए नियम बनाए गए होते हैं. वैसे ही पायलट के लिए भी कई नियम बनाए गए हैं, जिसका पालन करना उनके लिए जरूरी है. लेकिन इंडिगो की फ्लाइट में हुए कांड के बाद में यह सामने आया कि... फ्लाइट के पायलट ने नियमों को तोड़ा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर इंडिगो फ्लाइट का पायलट नियमों का पालन करता तो इस तरह की घटना फ्लाइट में न होती. एविएशन के नियम के मुताबिक, फ्लाट के पायलटों का कॉकपिट के बाहर आना और वहां आकर यात्रियों से बात करना मना है.
डीजीसीए की तरफ से जारी किए गए हैं नियम
इस समय पर कॉकपिट के बाहर आकर यात्रियों से बात करने के कई मामले सामने आए हैं. बता दें यह पूरी तरह से गलत है. डीजीसीए की तरफ से भी इसको लेकर गाइडलाइन जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि अगर कोई भी पायलट कॉकपिट के बाहर आता है तो वह पूरी तरह से नियमों की अनदेखी माना जाता है.
कॉकपिट में लगा होता है अनाउंसमेंट सिस्टम
आपको बता दें यात्रियों को संबोधित करने के लिए कॉकपिट में ही पायलट के लिए एक अनाउंसमेंट का सिस्टम लगाया गया होता है, जिसके जरिए वह अपनी बात यात्रियों तक पहुंचा सकते हैं. एविएशन के नियमों के मुताबिक, एयरक्राफ्ट डोर बंद होने से पहले कॉकपिट डोर को अंदर से लॉक कर दिया जाता है.
किन स्थितियों में खोला जा सकता है कॉकपिट का डोर?
बता दें अगर कोई भी इमरजेंसी की स्थिति है तो उसमें एयरक्राफ्ट डोर बंद होने के बाद भी कॉकपिट का डोर खोला जा सकता है, लेकिन इस तरह की स्थिति में भी फ्लाइट-क्रू को ट्रॉली के जरिए कॉकपिट के डोर को प्रोटेक्ट करना होता है. इस डोर को तब तक प्रोटेक्ट किया जाता है जब तक पायलट वापस कॉकपिट में जाकर डोर को लॉक न कर लें.
केबिन क्रू भी नहीं थे अपनी स्थिति में
इंडिगो में हाल ही में केस हुआ है उस वीडियो में ट्रॉली तो दिखाई दे रही है, लेकिन उसको खिसकाकर एक तरफ कर दिया गया है. इसके अलावा इंडिगो केस में अगर केबिन क्रू अपनी पोजीशन में होते तब भी आरोपी यात्री पायलट तक नहीं पहुंच सकता था.