Guruwar Upay: गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से आपको कभी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है. इसके अलावा आपकी कुंडली में यदि गुरु दोष है तो गुरुवार के दिन विशेष पूजा- अर्चना कर सकते हैं.
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Guruwar Upay in Hindi : हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. माना जाता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से आपको कभी सुख-समृद्धि की कमी नहीं होती है. इसके अलावा आपकी कुंडली में यदि गुरु दोष है तो गुरुवार के दिन विशेष पूजा- अर्चना कर सकते हैं. शास्त्रों के अनुसार, अगर कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर होती है तो जीवन में शादी, करियर में परेशानी होती है. साथ ही विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां भगवान विष्ण के निमित्त व्रत भी करती हैं तो इससे विवाहित महिलाआों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. वहीं, अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है. धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. अगर आप भी इनमें से किसी समस्याओं से परेशान हैं तो गुरुवार के दिन श्री हरि के मंत्रों का जाप करें.
1. संकटमोचन नरसिंह मंत्र-
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
2. आपत्ति निवारक मंत्र-
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥
3. नरसिंह गायत्री मंत्र-
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि |
तन्नो नरसिंह प्रचोदयात ||
4. बाधा नाशक नरसिंह मंत्र-
“ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय”
5. ऋण मोचक नरसिंह मंत्र-
“ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:”
6. शत्रु नाशक नरसिंह मंत्र-
“ॐ नृम नरसिंहाय शत्रुबल विदीर्नाय नमः”
7. नरसिंह यश रक्षक मंत्र-
“ॐ करन्ज नरसिंहाय यशो रक्ष”
8. नरसिंह मंत्र-
ॐ नमो भगवते तुभ्य पुरुषाय महात्मने हरिंऽद्भुत सिंहाय ब्रह्मणे परमात्मने।
ॐ उग्रं उग्रं महाविष्णुं सकलाधारं सर्वतोमुखम्।
नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्युं मृत्युं नमाम्यहम्।
9. विष्णु मंत्र-
विष्णु रूपं पूजन मंत्र-शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
10. ध्यान मंत्र-
रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,
विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।
पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,
विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)