Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023: विनायक चतुर्थी 24 मार्च को, जनिए क्यों वर्जित होते हैं चांद के दर्शन
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Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023: विनायक चतुर्थी 24 मार्च को, जनिए क्यों वर्जित होते हैं चांद के दर्शन

Vinayaka Chaturthi Importance:  विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा देखने की मनाही होती है. कहा जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने चांद देख लिया था तो उन पर मणि चोरी करने का आरोप लगा था.

विनायक चतुर्थी

Chaitra Vinayaka Chaturthi 2023: हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से गणपति के आशीर्वाद से  सभी संकट दूर होते हैं, कार्यों में सफलता मिलती है तथा परिवार में सुख समृद्धि बना रहता है. बता दें कि विनायक चतुर्थी की पूजा दिन के समय में करते हैं. इस दिन चंद्रमा का दर्शन वर्जित होता है क्योंकि इससे व्यक्ति पर झूठे आरोप लग सकते हैं. आइए जानते हैं चैत्र की विनायक चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में.

चैत्र विनायक चतुर्थी 2023 तिथि (Chaitra Vinayak Chaturthi 2023 Tithi)

चैत्र की विनायक चतुर्थी 24 मार्च शुक्रवार शाम 04 बजकर 59 मिनट से 25 मार्च शनिवार शाम 04 बजकर 23 मिनट तक है. उदया तिथि के अनुसार चैत्र विनायक चतुर्थी 25 मार्च को है और इसी दिन व्रत भी रखना चाहिए.

चैत्र विनायक चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त (Chaitra Vinayak Chaturthi 2023 Shubh Muhurat)

पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 14 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक
रवि योग- सुबह 06 बजकर 20 मिनट से दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक 

चैत्र विनायक चतुर्थी 2023 पूजा विधि (Chaitra Vinayak Chaturthi 2023 Puja Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठकर सारे कामकाज निपटा कर स्नान कर लें. इसके बाद गणेश जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा शुरू करें, इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को जल अर्पित करें. इसके बाद फूल, माला, चन्दन, अक्षत आदि चढ़ाएं.  साथ ही भोग में मोदक या बूंदी के लड्डू अर्पित करें. इसके बाद घी का दीपक प्रज्जवलित करके गणपति जी के मंत्र, कथा, चालीसा आदि का पाठ करें. अंत में आरती कर लें.

विनायक चतुर्थी को न देखें चंद्रमा 

इस दिन चंद्रमा देखने की मनाही होती है. कहा जाता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने चांद देख लिया था तो उन पर मणि चोरी करने का आरोप लगा था. आपको बता दें कि व्रत वाले दिन चंद्रोदय सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा. शुक्ल पक्ष में चंद्रमा का उदय सुबह में होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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