Bangladeshi Infiltration in Assam: असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भारत में अवैध रूप से दाखिल होने वाले बांग्लादेशियों का दाना-पानी बंद करने की गुजारिश की है. उन्होंने कारोबारियों से अपील करते हुए कहा कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को काम पर न रखें.
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Bangladeshi Infiltration In Assam: बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल का खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है! असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का दावा है कि अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के घुसने की कोशिशों में 'खूब इजाफा' हुआ है. सरमा के अनुसार, बॉर्डर पर रोके गए सभी लोग मुस्लिम हैं, न कि बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय से. बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से निपटने के लिए सरमा ने 'नो मर्सी' प्लान बनाया है. वह विभिन्न स्टेकहोल्डर्स से उनके इस प्लान पर अमल करने की गुहार लगा रहे हैं. मकसद है कि अवैध रूप से भारत में आए बांग्लादेशियों का दाना-पानी बंद कर दिया जाए. असम में उनका जीना मुहाल कर दिया जाए और वे यहां से भागने को मजबूर हो जाएं!
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के लिए 'नो मर्सी'
सरमा ने सोमवार को मुंबई में टाटा, अडानी ग्रुप और महिंद्रा जैसे कॉरपोरेट घरानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी. उनका एजेंडा साफ था- अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को 'सस्ते लेबर' के लालच में काम न दिया जाए. सरमा ने कहा भी, 'ऐसे प्रवासियों को काम पर न रखकर बांग्लादेश से अवैध प्रवास की समस्या की जड़ पर प्रहार करने की जरूरत है.' असम सीएम ने कहा कि भारतीय व्यवसायी बांग्लादेश से सस्ते मजदूर लाने के लिए बिचौलियों को काम पर रख रहे हैं, जहां कपड़ा इकाइयां बंद हो रही हैं. उन्होंने कहा, 'भारत में सस्ते मजदूर कौन लाता है? यह हमारा अपना उद्योग है.' शर्मा ने कहा कि थोडी सी पूछताछ कीजिए, पता चल जाएगा कि पड़ोसी देश में कपड़ा इकाइयों के बंद होने के बाद बांग्लादेशी मजदूर भारत आ रहे हैं.
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क्यों भागकर असम आ रहे बांग्लादेशी?
सरमा के मुताबिक, 'असम और भारत में घुसपैठ में भारी इजाफा हुआ है. दो दिन पहले, मैंने पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में अपने समकक्षों और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ भी इस पर चर्चा की थी. हर दिन, असम पुलिस 20 से 30 घुसपैठियों का पता लगा रही है और त्रिपुरा में भी इतनी ही संख्या में घुसपैठिए देखे जा रहे हैं. इसलिए जब हमने यह जानने की कोशिश की कि ऐसा क्यों हो रहा है, तो हमने पाया कि बांग्लादेश में अशांति के बाद, कपड़ा उद्योग लगभग ध्वस्त हो गया है. इसलिए, जो मजदूर पहले बांग्लादेश में कपड़ा उद्योग में काम करते थे, वे भारत आ रहे हैं और हमारे देश के कई कपड़ा कारखाने के मालिक इसे प्रोत्साहित कर रहे हैं, अवैध रूप से सस्ते श्रम को आयात करने के लिए अच्छी रकम दे रहे हैं.'
मुंबई पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ चलाया अभियान
मुंबई पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों पर अभियान चलाकर पिछले 15 दिनों में शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों, गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द, देवनार, चूनाभट्टी और घाटकोपर से 36 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. इन गिरफ्तारियों में कई ऐसे लोग भी हैं जो 10 से 15 सालों से मुंबई में रह रहे थे. पुलिस ने इन घुसपैठियों के पास से बर्थ सर्टिफिकेट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों को बरामद किए. जांच में सामने आया कि ये सभी दस्तावेज फर्जी थे. पुलिस ने बताया कि ये दस्तावेज एजेंटों द्वारा बनाए गए थे, जो 5 से 10 हजार रुपये लेकर इन घुसपैठियों के लिए फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य जरूरी दस्तावेज तैयार करते थे, जिनकी मदद से उनका आधार कार्ड भी बनवाया गया था.
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दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशियों को वापस भेजा गया
दिल्ली पुलिस ने देश की राजधानी में अवैध रूप से रह रहे नौ बांग्लादेशी नागरिकों को वापस भेज दिया है. पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि बांग्लादेश के इन नागरिकों को पुलिस द्वारा चलाए गए सत्यापन अभियान के दौरान पकड़ा गया. मध्य दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एम. हर्षवर्धन ने बताया कि जनवरी में वापस भेजे गए नौ बांग्लादेशी नागरिकों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें जामा मस्जिद और नबी करीम इलाकों में सत्यापन अभियान के दौरान पकड़ा गया था.
बंगाल में तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार
दक्षिणी पश्चिम बंगाल से तीन बांग्लादेशियों को बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने रविवार को नादिया जिले के कल्याणी में शनिवार को संदिग्ध रूप से घूमते हुए दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. उनकी पहचान बांग्लादेश के मदारीपुर निवासी 23-वर्षीय मोहम्मद सोहाग मीर और बारीसाल निवासी 18-वर्षीय प्रणय जयधर के रूप में हुई है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मीर ने कश्मीर घाटी का भी दौरा किया था. पड़ोसी देश में तनाव के बीच बीएसएफ और पुलिस ने राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी है. (एजेंसी इनपुट)