इस चीनी कार कंपनी को मोदी सरकार ने दी तगड़ी चोट; हवा में उड़ रही थी, जमीन पर पटका!
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इस चीनी कार कंपनी को मोदी सरकार ने दी तगड़ी चोट; हवा में उड़ रही थी, जमीन पर पटका!

BYD's EV Factory: बीवाईडी भारत में कारोबार तो कर रही है लेकिन अभी यहां इसका व्यापार काफी छोटे स्तर पर है. अब यह भारतीय कार बाजार की संभावनाओं को देखते हुए अपने आकार को बढ़ाना चाहती है.

इस चीनी कार कंपनी को मोदी सरकार ने दी तगड़ी चोट; हवा में उड़ रही थी, जमीन पर पटका!

BYD Is Not Allowed To Set Up EV Factory: भारतीय कार बाजार तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह दुनिया के सबसे बड़े कार बाजारों में से एक है और संभावनाओं का सागर बना हुआ है. इस चीज को चीन की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी बीवाईडी भी बखूबी समझ रही है. बीवाईडी भारत में कारोबार तो कर रही है लेकिन अभी यहां इसका व्यापार काफी छोटे स्तर पर है. अब यह भारतीय कार बाजार की संभावनाओं को देखते हुए अपने आकार को बढ़ाना चाहती है. उसने एक भारतीय कंपनी से हाथ भी मिलाया है. लेकिन, बीवाईडी की योजनाओं पर मोदी सरकार ने पानी फेर दिया है. 

दरअसल, बीवाईडी और उसकी भारतीय भागीदार मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) एक अरब डॉलर के निवेश से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) संयंत्र लगाना चाहती है. लेकिन सूत्रों ने बताया कि कंपनी के प्रस्ताव को मोदी सरकार ने खारिज कर दिया है. बता दें कि एमईआईएल और बीवाईडी के एक संयुक्त उद्यम ने सरकार को तेलंगाना में इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन संयंत्र लगाने का प्रस्ताव दिया था. इस पर एक अरब डॉलर (लगभग 8,200 करोड़ रुपये) का निवेश किया जाना था.

सूत्रों ने बताया कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेजा गया था. प्रस्ताव को जरूरी पड़ताल एवं मंजूरियों के लिए भारी उद्योग मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के पास भी भेजा गया था. सूत्रों के मुताबिक, सरकार के स्तर पर इस प्रस्ताव के तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद इसे मंजूरी नहीं देने का फैसला लिया गया है.

दरअसल, निवेश प्रस्ताव में विदेशी कंपनी के साझेदार होने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के तहत इसकी पड़ताल करनी जरूरी होती है. प्रावधानों के मुताबिक, भारत से जमीनी सीमा से सटे देशों से आने वाले किसी भी निवेश प्रस्ताव की सघन समीक्षा की जाती है और उसे कई मंत्रालयों की मंजूरी लेनी होती है.

सरकार ने भारत से जमीन से जुड़े पड़ोसी देशों से आने वाले किसी भी निवेश प्रस्ताव पर पूर्व-अनुमति को अनिवार्य किया हुआ है. यह नियम चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यामां और अफगानिस्तान के लिए लागू है. देखा जाए तो भारत को अप्रैल 2000 से लेकर मार्च 2023 के बीच चीन से कुल 2.5 अरब डॉलर का एफडीआई मिला है.

(इनपुट- भाषा)

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