28 सितंबर से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, वरना 16 दिन तक करना पड़ेगा इंतजार
Advertisement
trendingNow11876697

28 सितंबर से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, वरना 16 दिन तक करना पड़ेगा इंतजार

Pitru Paksha Rules: हिंदू धर्म में शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त निकाले जाते हैं. साथ ही शुभ काम करने के लिए शुभ-अशुभ दिन भी बताए गए हैं. पितृ पक्ष में ऐसे ही कुछ काम करने की मनाही की गई है. 

28 सितंबर से पहले निपटा लें ये जरूरी काम, वरना 16 दिन तक करना पड़ेगा इंतजार

Pitru Paksha 2023: पितरों के प्रति सम्‍मान और प्रेम प्रकट करने के लिए पितृ पक्ष का समय खास होता है. इस साल 29 सितंबर 2023 से पितृ पक्ष शुरू हो रहा है. 15 दिन के श्राद्ध 14 अक्‍टूबर को समाप्‍त होंगे. पितृ पक्ष के 15 दिन की अवधि में पूर्वजों के लिए पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इससे पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और इससे घर में सुख, समृद्धि, खुशहाली आती है. पितृ पक्ष के लिए धर्म-शास्‍त्रों में कई नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करना जरूरी है वरना पितृ नाराज हो जाते हैं. लिहाजा जान लें कि 28 सितंबर तक कौन से जरूरी काम निपटा लें. वरना पितृ पक्ष में ये निषेध बताए गए काम करने से पितृ दोष लगता है. 
 
पितृ पक्ष में नहीं वर्जित हैं ये 5 काम

पितृ पक्ष के 15 दिन के दौरान कुछ काम वर्जित बताए गए हैं. इन 15 दिनों में कोई भी शुभ या मांगलिक काम नहीं किए जाते हैं. साथ ही नॉनवेज, शराब का सेवन नहीं किया जाता है. यहां तक कि पितृ पक्ष के दौरान घर में नॉनवेज-शराब घर में लाना भी पितृ दोष का कारण बनता है. पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है. साथ ही पितरों के प्रति सम्‍मान प्रकट करते हुए बेहद सादगी से रहना होता है. बल्कि संभव हो तो पितृ पक्ष में लहसुन और प्याज का सेवन भी नहीं करना चाहिए. यदि आप कुछ खास काम करना चाहते हैं तो इन्‍हें पितृ पक्ष शुरू होने से पहले ही कर लें. वरना इन शुभ कामों को करने के लिए नवरात्रि शुरू होने का इंतजार करना पड़ता है. 

- पितृ पक्ष के दौरान शादी, सगाई, मुंडन, नामकरण जैसे कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए. मान्‍यता है कि श्राद्ध पक्ष में शुभ काम करने से पितृ नाराज हो जाते हैं. 

- 15 दिन के श्राद्ध के दौरान नए व्‍यापार, नए काम की शुरुआत ना करें. बल्कि इस समय कोई भी जश्‍न, पार्टी या आयोजन नहीं करें. इस समय को शोक प्रकट करने का समय माना जाता है. बल्कि इस समय में सादा जीवन जीते हुए अपने पितरों के लिए दान-पुण्‍य करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्‍य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news