Shani Dosh Upay: शनि देव की महिमा अपरंपार है. वह अत्यंत न्याय प्रिय हैं और लोगों को उनको कर्मों के हिसाब से अच्छे और बुरे फल प्रदान करते हैं, इसलिए उनको न्याय का देवता और कर्मफल दाता कहा जाता है. ऐसे में लोग उनकी कोप दृष्टि से बचने के लिए विभिन्न तरह के उपाय करते हैं, क्योंकि जब वह किसी पर अपनी नकारात्मक दृष्टि डालते हैं तो उनका जीना दुभर कर देते हैं. हालांकि, शुभ दृष्टि पड़ने पर इंसान को धन, दौलत, एश्वर्य सब कुछ प्रदान करते हैं. वास्तु शास्त्र की बात करें तो उनको पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि उनसे जुड़े वास्तु के नियम कौन से हैं.
पश्चिम दिशा को शनि देव का स्थान माना जाता है. ऐसे में घर में इस जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए. इस दिशा में गंदगी होने पर शनि देव नाराज हो जाते हैं और इंसान को तकलीफों का सामना करना पड़ता है.
घर के पश्चिम दिशी की तरफ कोई खिड़की हो तो वह खिड़की पूर्व दिशा की दीवार में मौजूद खिड़की से छोटी होनी चाहिए. ऐसा न होने पर निगेटिव एनर्जी का संचार होने लगता है और घर से खुशहाली चले जाती है.
घर के पश्चिम दिशा का हिस्सा खुला हुआ होना चाहिए. इस दिशा को बंद करके रखने से घर के सदस्यों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हो सके तो इस दिशा के हिस्से को खुला रखें.
घर की पश्चिम दिशा में रसोई घर नहीं बनाना चाहिए. घर के इस दिशा में किचन होने से धन हानि होने लगती है और आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है और परिवार में भी अक्सर कलह की स्थिति बने रहती है. वहीं, पति-पत्नी का बेडरूम भी पश्चिम दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए.
घर के पश्चिम दिशा की तरफ दोष होने पर उपाय किए जा सकते हैं. इस जगह पर शनि यंत्र रखने से वास्तुदोष खत्म हो जाता है.वहीं, घर का मुख्य दरवाजा पश्चिम दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए. इस तरफ दरवाजा होने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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