Kartik Purnima Rules: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहा जाता है. सनातन धर्म में इस दिन का खास महत्व है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को है. इस दिन को देव दीपावली भी कहा जाता है. इस दिन को लेकर किए जाने वाले कार्यों को लेकर अक्सर लोग असमंजस में रहते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है इस दिन का महत्व और क्या करें और क्या न करें.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. वहीं, अन्य मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
इसके अलावा इस दिन किसी नदी या मंदिर के पास जाकर दीपदान करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से देवता प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद बरसाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर दान करने से पुण्य मिलता है. शाम के समय जल में कच्चा दूध, चावल और थोड़ी सी चीनी डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. ऐसा करने से चंद्रमा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
इस दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए भी उपाय किए जा सकते हैं. यह तिथि मां को काफी पसंद है. कार्तिक पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी स्तुति का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अंडा, प्याज, लहसुन नहीं खाना चाहिए. किसी भी तरह के तामसिक भोजन और नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहना चाहिए. इस दिन भूलकर भी किसी भी व्यक्ति को अपशब्द न बोले और न ही अपमान करें.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की कृपा पाने के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. वहीं, अगर इस रात को अगर बेड की जगह जमीन पर सोया जाए तो काफी शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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