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When is Jwalamukhi Yog: किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले तिथि, शुभ मुहूर्त देखा जाता है. हर व्यक्ति चाहता है कि जिस काम को वह करने जा रहा है उसमें वह सफल हो. ज्योतिष शास्त्र में बहुत से योगों के बारे में भी बताया गया है. इन योगों में अच्छे और बुरे दोनों ही प्रकार के योग मिलते हैं. ज्वालामुखी योग अशुभ योगों में से एक योग है. इस योग में कभी कोई शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. अगर कोई व्यक्ति गलती से भी इस योग के दौरान किसी काम की शुरुआत करता है तो उसे सफलता नहीं मिलती.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग की अपनी कुछ विशेषताएं भी है. कहते हैं कि शत्रुओं पर विजय पाने के लिए यह योग शुभ होता है. अगर आप किसी शुभ काम की शुरुआत करने जा रहे हैं तो पहले जान लें कि इस बार ज्वालामुखी योग कब बनने जा रहा है.
कब बनने जा रहा है ज्वालामुखी योग
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार ज्वालामुखी योग 5 जून सुबह 3 बजकर 23 मिनट से लग रहा है जो 6 बजकर 39 मिनट पर खत्म हो जाएगा.
कैसे बनता है ज्वालामुखी योग?
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ज्वालामुखी योग तब बनता है जब प्रतिपदा तिथि के दिन मूल नक्षत्र पड़ता हो.
- ज्वालामुखी योग तब बनता है जब पंचमी तिथि के दिन भरणी नक्षत्र पड़ता हो.
- ज्वालामुखी योग तब बनता है जब अष्टमी तिथि के दिन कृतिका नक्षत्र पड़ता हो.
- ज्वालामुखी योग तब बनता है जब नवमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षत्र पड़ता हो.
- ज्वालामुखी योग तब बनता है जब दशमी तिथि के दिन आश्लेषा नक्षत्र पड़ता हो.
ज्वालामुखी योग के अशुभ प्रभाव
- कहते हैं अगर किसी बच्चे का जन्म ज्वालामुखी योग में हुआ है तो उसे जीवन भर स्वास्थ्य संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
- अगर ज्वालामुखी योग में किसी स्त्री या पुरुष का विवाह हुआ है तो उसे शुभ नहीं माना जाता. कहते हैं कि ऐसे वैवाहिक जोड़े का दांपत्य जीवन सुखमय नहीं रहता.
- अगर ज्वालामुखी योग में किसी ने बीज बोया है तो कहते हैं कि वह फसल अच्छी नहीं होती.
- अगर ज्वालामुखी योग में कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो कहते हैं कि वह व्यक्ति लंबे समय तक बीमारी से जूझता रहता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)