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Guru ke upay in hindi: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. हर ग्रह का एक रत्न होता है जिसमें कुछ ऐसी अलौकिक शक्तियां होती हैं जो व्यक्ति को ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाता है. कुंडली में अगर गुरु अशुभ प्रभाव दे रहा है तो व्यक्ति को पुखराज पहनने की सलाह दी जाती है. पुखराज बृहस्पति ग्रह यानी गुरु का रत्न होता है जो पीले रंग का होता है. आइए जानें इसके फायदे और धारण करने का सही तरीका.
पुखराज पहनने के फायदे
पुखराज जो व्यक्ति धारण करता है उसे बिजनेस में फायदा होने लगता है. शिक्षा के क्षेत्र में ऐसा व्यक्ति उन्नति करता है. इसे धारण करने से धन-वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है . कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति खराब है तो पुखराज जरूर धारण करना चाहिए. इससे गुरु का दोष खत्म हो जाएगा. अगर को कोई अविवाहित व्यक्ति इसे धारण करता है तो उसका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. पुखराज धारण करने कई प्रकार के शारीरिक, मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
पुखराज किसे धारण करना चाहिए
अगर किसी जातक की कुंडली में गुरु शुभ भाव में हैं, तो उसके प्रभाव में वृद्धि लाने के लिए व्यक्ति को पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है. वहीं अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु अशुभ भाव में है उसे दोष मुक्त होने के लिए पुखराज धारण करना चाहिए. बता दें कि पुखराज धनु, कर्क, मेष, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोग ही धारण कर सकते हैं.
इस विधि से करें धारण
पुखराज को सोने की अंगूठी में पहना जाता है. गुरुवार के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में इसे धारण करना चाहिए. अंगूठी में पुखराज इस प्रकार से जड़वाना चाहिए की रत्न का निचला हिस्सा खुला रहे और ये अंगुली को छूता रहे.
इस बातों का रखें खास ख्याल
- रत्न शास्त्र के अनुसार पुखराज के साथ पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुनिया रत्न कभी नहीं पहनना चाहिए.
- पुखराज वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर व कुम्भ राशिवाले लोगों को नहीं पहनना चाहिए.
- कोई भी रत्न धारण रकने से पहले ज्योतिष की सलाह जरूर लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)