Gajakesari Yoga Calculator: हर जातक की कुंडली में कई तरह के योग होते हैं. इनसें से कुछ योग शुभ तो कुछ अशुभ माने जाते हैं. इन योगों के जरिए ही इंसान के जीवन की दिशा तय होती है.
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Gajakesari Yoga Benefits: कुंडली में बने योग ही एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से अलग करते हैं. सभी योग काल पुरुष की कुंडली से बने है. कई सारे योग में से गजकेसरी योग को बेहद शुभ योग माना गया है. कुंडली में गजकेसरी योग चंद्रमा और गुरु के संयोग से बनता है या फिर यदि चंद्रमा और गुरु एक साथ आ जाएं तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है. कुंडली में जितने अच्छे भाव में चंद्रमा और गुरु होंगे. यह योग उस व्यक्ति को उतना अधिक लाभान्वित करेगा. अंतरिक्ष में जब भी गजकेसरी योग बनता है, तब उन लोगों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जिनकी कुंडली में पहले से यह योग मौजूद है, जिसके कारण व्यक्ति द्वारा किये गए प्रयासों में उन्हें सफलता मिलती है.
कैसे बनता है गजकेसरी योग
चंद्रमा से केंद्र में गुरु हो तो गजकेसरी योग होता है. चंद्रमा के साथ यदि गुरु है या चंद्रमा जहां बैठे हो वहां से चौथे, सातवें या दसवें भाव में गुरु हो तो गजकेसरी योग का निर्माण होता है. गजकेसरी का अर्थ है कि राजा के समान हाथी पर सवार हो. हाथी जो कि इंद्र का वाहन है. चंद्रमा कालपुरुष की कुंडली में सुख भाव का स्वामी है. वहीं, गुरु धर्म और मोक्ष भाव का स्वामी है. इस प्रकार सुख और धर्म मिलकर अच्छा फल देते हैं. इस प्रकार गजकेसरी को बनाने वाले ग्रह अगर मजबूत हैं और दूषित ग्रहों से दूर है तो निश्चित ही सकारात्मक परिणाम मिलेगा.
प्रभाव
व्यक्ति की कुंडली में गजकेसरी योग स्टेटस दिलाता है. ये स्टेटस आपको पैतृक, पिता से और स्वयं से भी प्राप्त हो सकता है. इसके साथ ही यह धन आवागमन के योग को प्रबल कर देता है. समाज में व्यक्ति के पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान को बढ़ाने में मदद करता है. यह व्यक्ति को राजसी प्रवृत्ति देता है. पहले भाव में गुरु होने से व्यक्ति को गुरुतुल्य सम्मान मिलता है.