Agriculture News: आजकल देश के अन्य सेक्टर्स के साथ-साथ एग्रीकल्चर सेक्टर भी काफी तेजी से ग्रो कर रहा है. आपने ऐसे कई लोगों के बारे में सुना होगा, जो मेट्रो सिटी और लाखों की नौकरी छोड़कर गांव लौटे और खेती-बाड़ी शुरू की. आज वे एक सफल किसान हैं.
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Lemon Farming: आजकल देश के अन्य सेक्टर्स के साथ-साथ एग्रीकल्चर सेक्टर भी काफी तेजी से ग्रो कर रहा है. इस सेक्टर को लेकर सबसे खास बात यह है देश के युवा भी इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं. आपने ऐसे कई लोगों के बारे में सुना होगा, जो मेट्रो सिटी और लाखों की नौकरी छोड़कर गांव लौटे और खेती-बाड़ी शुरू की. आज वे एक सफल किसान हैं. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के रहने वाले अभिषेक जैन ने पारंपरिक खेती को एक सफल उद्योग में बदल दिया है, उन्हें उनके शहर में 'लेमन किंग' के नाम से जाना जाता है.
अभिषेक ने कॉमर्स की पढ़ाई की और फिर खुद की कंपनी खोली. लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. पिताजी के अचानक निधन के बाद अभिषेक ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया और कंपनी बंद करके खेती की दुनिया में आ गए. उन्हें नहीं पता था कि यह बदलाव उन्हें उनकी जड़ों से जोड़ेगा ही नहीं, बल्कि उन्हें सफलता की राह पर भी ले जाएगा.
शुरुआती चुनौतियां
अभिषेक को किसी ने गाइड नहीं किया. इसलिए शुरुआत में उनको काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने कुछ बड़े फैसले लिए, जैसे अपने अमरूद के बगीचे को अनार के पेड़ों से बदलना. हालांकि, इससे उन्हें उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं हुआ, जिससे उन्हें अपनी स्ट्रैटजी के बारे में दोबारा सोचना पड़ा. इंटरनेट ने उनकी काफी मदद की. व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए जुड़कर किसान अब एक-दूसरे से जानकारी शेयर कर सकते हैं. यही वह टर्निंग पॉइंट था जिसने अभिषेक की खेती को नई दिशा दी.
जमीन का डायवर्सिफिकेशन
अभिषेक वर्तमान में 6 एकड़ जमीन का प्रबंधन कर रहे हैं. उन्होंने अपने संसाधनों का रणनीतिक रूप से इस्तेमाल किया. उनकी जमीन पर चार एकड़ में नींबू, डेढ़ एकड़ में अमरूद और आधा एकड़ में गोशाला है. इतना ही नहीं उन्होंने फूड प्रोसिसिंग भी शुरू की और अचार के उत्पादन शुरू किया. यह उनके कुल मुनाफे में महत्वपूर्ण योगदान देता है.
अपनी कंपनी 'पिकल जंक्शन' की स्थापना
अभिषेक ने अपने ब्रांड 'पिकल जंक्शन' की शुरुआत की. वह सिर्फ स्थानीय बाजारों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उन्होंने डिजिटल युग को अपनाते हुए अपने अचार को अमेजन पर बेचना शुरू कर दिया है, जिससे उनके ग्राहक बढ़े हैं और उनका बिजनेस भी बढ़ रहा है. उनके नींबू की फसल का लगभग 20 प्रतिशत अचार बनाने में चला जाता है, जबकि बाकी फसल बाजार में बिकती है. अभिषेक के बगीचे में कई तरह के नींबू हैं, जिनमें एक बारहमासी किस्म और पतले छिलके वाले 'कगजी' नींबू शामिल हैं. अमरूद के मामले में उनके खेत में 'बाराखना' जैसी कई किस्में हैं.