SEO Meeting in India: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी की यह यात्रा जुलाई 2011 के बाद से पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा भारत की पहली यात्रा होगी. इससे पहले विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने शांति वार्ता के लिए दौरा किया था.
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कराचीः पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी भारत में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए गुरुवार को गोवा के लिए पाकिस्तान से रवाना हो गए है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दशक से ज्यादा अरसे में भारत का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल ने अपनी रवानगी से पहले कहा कि वह उन देशों को “द्विपक्षीय वार्ता’’ की उम्मीद कर रहे हैं जो एससीओ का हिस्सा बन रहे हैं.
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बिलावल ने ट्विटर पर कहा, “गोवा के रास्ते भारत की तरफ, एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद में पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करूंगा. इस बैठक में शामिल होने का मेरा फैसला एससीओ के चार्टर के प्रति पाकिस्तान की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है."
#WATCH | Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari departs from Karachi. He will reach Goa to attend the Shanghai Cooperation Organization (SCO) Summit.
(Source: Pakistan HC) pic.twitter.com/PTogCwlQ14
— ANI (@ANI) May 4, 2023
उन्होंने आगे लिखा, "मेरी यात्रा के दौरान, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है, मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा के लिए तत्पर हूं."
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो संदेश में विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि वह उन देशों के साथ “द्विपक्षीय रूप से जुड़ने" की उम्मीद कर रहे हैं जो संगठन का हिस्सा हैं.
इस बीच, विदेश कार्यालय (एफओ) के प्रवक्ता ने कहा कि बिलावल कराची से गोवा के लिए रवाना हो चुके हैं. विदेश मंत्री के साथ गए प्रतिनिधिमंडल का विवरण तत्काल उपलब्ध नहीं हो सका है.
गौरतलब है कि बिलावल की यात्रा जुलाई 2011 के बाद से पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा भारत की पहली यात्रा होगी, जब तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने शांति वार्ता के लिए दौरा किया था. हालांकि, पाकिस्तान पहले ही साफ कर चुका है कि विदेश मंत्री गोवा में रहते हुए अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं करेंगे.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलावल ने अपनी आगामी यात्रा को लेकर अटकलों को भी खारिज कर दिया है और कहा कि इसे दोनों पड़ोसी देशों के बीच बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के संकेत के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
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