Iraq: अल-सदर के संन्यास पर बिगड़े हालात, 20 की मौत, राष्ट्रपति भवन में घुसी भीड़
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam1326308

Iraq: अल-सदर के संन्यास पर बिगड़े हालात, 20 की मौत, राष्ट्रपति भवन में घुसी भीड़

Protest in Iraq: इराक के शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के राजनीति से हटने की घोषणा के बाद यहां के हालात बिगड़ गए. अब तक 20 लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है.

Iraq: अल-सदर के संन्यास पर बिगड़े हालात, 20 की मौत, राष्ट्रपति भवन में घुसी भीड़

बगदाद: इराक के एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने सोमवार को राजनीति से हटने की घोषणा की. इसकी प्रतिक्रिया में उनके नाराज सैकड़ों समर्थक सरकारी महल पहुंच गए. इस दौरान अल-सद्र के हामियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें करीब 20 लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है. 

चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि शिया धर्मगुरु की घोषणा के बाद विरोध प्रदर्शनों के दौरान दंगा रोधी पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 15 प्रदर्शनकारियों घायल हो गए. उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े जिसमें और 12 से अधिक घायल हो गए. इराक की सेना ने बढ़ते तनाव को शांत करने और झड़पों की आशंका को दूर करने के उद्देश्य से सोमवार को शहर भर में कर्फ्यू की घोषणा कर दी. 

एक बयान के अनुसार, सेना ने धर्मगुरु के समर्थकों से भारी सुरक्षा वाले सरकारी क्षेत्र से तुरंत हटने और ‘‘संघर्ष या इराकी खून बहने से रोकने के लिए’’ आत्म-संयम का पालन करने का आह्वान किया. इससे यह आशंका उत्पन्न हो गई कि इराक में हिंसा भड़क सकती है जो पहले से ही राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. इराक की सरकार में गतिरोध तब से आया है जब धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र की पार्टी ने अक्टूबर के संसदीय चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती थीं लेकिन वह बहुमत तक नहीं पहुंच पाये थे. 

ये भी पढ़ें: Rahul's Retirement: राहुल ने इंटरनेशनल क्रिकेट को कहा अलविदा; BCCI को लिखा भावुक लेटर

उन्होंने आम सहमति वाली सरकार बनाने के लिए ईरान समर्थित शिया प्रतिद्वंद्वियों के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया था. अल-सद्र के समर्थक जुलाई में प्रतिद्वंद्वियों को सरकार बनाने से रोकने के लिए संसद में घुस गए और चार सप्ताह से अधिक समय से धरने पर बैठे हैं। उनके गुट ने संसद से इस्तीफा भी दे दिया है. यह पहली बार नहीं है जब अल-सद्र ने संन्यास की घोषणा की है। वह इससे पहले भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं. कई लोगों ने अल-सदर के इस कदम को वर्तमान गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया.

हालांकि कुछ ने यह आशंका जताई है कि इस बार के उनके कदम से देश की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही खराब है. सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन पैलेस के बाहर सीमेंट के बैरियर को रस्सियों से नीचे गिराया और महल के फाटकों को तोड़ दिया. उनमें से कई महल के सभागार में पहुंच गए। एसोसिएटेड प्रेस के एक फोटोग्राफर ने गोलियां चलने की आवाज सुनी और कई प्रदर्शनकारियों को ले जाते देखा जो खून से लथपथ थे. एक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी ने गोलीबारी में कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों के मारे जाने की पुष्टि की. लेकिन खबर आ रही है कि इराक में अब तक 20 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.  

गौरतलब है कि धर्मगुरु अल-सदर ने एक ट्वीट में राजनीति से हटने की घोषणा की और अपने पार्टी कार्यालयों को बंद करने का आदेश दिया. धार्मिक और सांस्कृतिक संस्थान खुले रहेंगे इराक के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने मांग की कि अल-सदर अपने समर्थकों से सरकारी संस्थानों से हटने का आह्वान करे। उन्होंने कैबिनेट की बैठकें स्थगित करने की भी घोषणा की.

ये भी पढ़ें: स्कूली छात्रों के कपड़ों में लगाया जा रहा था राष्ट्रीय ध्वज का स्तर; फैक्ट्री हुई सील

इसी तरह की और खबरों को पढ़ने के लिए Zeesalaam.in पर विजिट करें.

Trending news