हर साल गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर ही क्यों मनाई जाती है?
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हर साल गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर ही क्यों मनाई जाती है?

Republic Day 2024: हर साल दिल्ली के 'कर्तव्य पथ' पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है. यहां परेड होती है. परेड राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल से शुरू होती है और इंडिया गेट से गुजरते हुए लाल किले तक जाती है.

हर साल गणतंत्र दिवस की परेड कर्तव्य पथ पर ही क्यों मनाई जाती है?

Republic Day 2024: भारत 26 जनवरी, 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है. यह देश के इतिहास में एक अहम दिन है. यह वही दिन है जब 1950 में भारत ने अपना संविधान लागू किया था और भारत एक गणतंत्र बन गया था. गणतंत्र दिवस समारोह का केंद्र बिंदु नई दिल्ली में कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) है. इस पर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड होगी. इस आयोजन में सशस्त्र बलों की तीनों सेनाएं मार्च करती हैं. सेनाएं सैन्य उपकरणों के प्रदर्शन करती हैं. इस साल भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन शामिल होंगे.

कर्तव्य पथ पर क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ)- राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का विस्तार- ऐतिहासिक अहमियत रखता है. इसने आजादी के लिए भारत के संघर्ष में अहम किरदार अदा किया था. इस जगह को पहले किंग्सवे के नाम से जाना जाता था. यह इलाका नई दिल्ली शहर का केंद्र है. इसे साल 1911 में ब्रिटिश राज ने अपनी राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) से यहां स्थानांतरित करने के बाद बनाया था. आजादी के तुरंत बाद, किंग्सवे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया. आजादी की सुबह से लेकर पिछले सात दशकों में हर साल यहां गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित की गई.

राजपथ का नाम कर्त्तव्य पथ कब किया गया?
सितंबर 2022 में 'राजपथ' का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर दिया गया और कुछ ही वक्त बाद PM मोदी की तरफ से संशोधित सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के हिस्से के रूप में इसका उद्घाटन किया गया. सरकार के मुताबिक, यह राजपथ से शक्ति के प्रतीक कर्तव्य पथ की ओर बदलाव का प्रतीक है. उद्घाटन के बाद अपने खिताब में, पीएम मोदी ने कहा कि किंग्सवे या राजपथ, "गुलामी का प्रतीक", अब इतिहास में बदल दिया गया है और हमेशा के लिए मिटा दिया गया है.

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