यह मामला उत्तर प्रदेश के शामली जिले का है, जहां एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ अवैध संबंधों में रुकावट बनने पर पति की हत्या कर उसका शव फंदे से लटका दिया था, लेकिन कोर्ट में बच्चे की गवाही के बाद महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
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मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सटे शामली जिले की एक अदालत ने एक शख्स की हत्या के मामले में उसकी पत्नी समेत दो लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इस खबर में खास बात यह है कि कसूरवार करार दी गई महिला के छह साल के बेटे की गवाही भी इस सजा की खास वजह बनी है.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दो जून 2018 को शामली जिले के मनलेंडी गांव में राजेश नामक एक औरत ने अवैध सम्बन्धों में बाधक बनने पर अपने पति की हत्या कर उसे रास्ते से हटा दिया था. इस काम में उसका प्रेमी प्रदीप भी बराबर का भागीदार था. राजेश ने प्रदीप की मदद से अपने पति धर्मवीर की गला दबाकर हत्या कर दी और इसे आत्महत्या का मामला साबित करने के लिए धर्मवीर की लाश को घर में फंदे से लटका दिया. इस पूरे घटना को राजेश और धर्मवीर का छह साल का बेटा अपनी आंखों से देख रहा था. मां को लगा कि उसका बेटा वक्त के साथ इस वारदात को भूल जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. मां ने उसे इस घटना का किसी से जिक्र न करने की भी सलाह दी थी.
बच्चे के बयान पर हुई उम्रकैद की सजा
हालांकि, इस मामले में पुलिस के शक के बाद जब बच्चे से पूछताछ किया गया तो वह जल्द ही टूट गया और सारी सच्चाई उगल दी. यहां तक कि उसने अदालत में भी अपनी मां के खिलाफ गवाही देते हुए कहा कि राजेश यानी उसकी मां ने अपने साथी प्रदीप की मदद से उसके पिता धर्मवीर का गला घोंटा और शव को फंदे से लटका दिया. फिर उसने लोगों को बताया कि उसके पति ने आत्महत्या कर ली है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरजेश कुमार ने राजेश के नाबालिग बेटे कार्तिक के बयान समेत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सोमवार को राजेश और उसके प्रेमी प्रदीप को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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